रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने साहेबगंज में आठ जुलाई को जब्त दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। ईडी की टीम द्वारा अवैध खनन की जांच से संबंधित दस्तावेज की जांच हो रही है। साहेबगंज के जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार की तरफ से ईडी को उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों और जानकारी की क्रॉस वेरीफिकेशन शुरू की गयी है। साहेबगंज डीएमओ ने कहा है कि 400 स्टोन माइंस में से 130 से कुछ अधिक माइंस चालू हालत में हैं, जबकि अन्य बंद हैं। ईडी की टीम यह पता लगा रही है जब बंद खदान तीन सौ से अधिक हैं, तो अवैध खनन कहां से हुआ। कैसे पूरे जिले में स्टोन माइनिंग सिंडिकेट काम कर रही है। ईडी का मानना है कि पत्थर सिंडिकेट में ऊपर के अधिकारियों की भी मिलीभगत रही होगी।
जानकारी के अनुसार, ईडी ने जिला प्रशासन को इस संबंध में समन भेजा है। साथ ही दस्तावेजों के सत्यापन के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार और निबंधन विभाग के अधिकारियों को भी दल में शामिल किया गया है. राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग के कुछ अधिकारियों को भी मौके पर उपस्थित रहने को भी बुलाया गया है। साहेबगंज के अंचल अधिकारी अब्दुस सामद और राजमहल के अवर निबंधन कार्यालय के अवर निबंधक को भी मौके पर उपस्थित हैं।
ईडी के अफसर साहेबगंज में दुर्गा स्टोन वर्क्स और इससे जुड़े स्टोन क्रशरों का मुआयना भी करेंगे, ईडी की टीम का मानना है कि पत्थर के खदानों को गलत तरीके से खान एवं भूतत्व विभाग तथा वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने गलत लाइसेंस देकर शुरू कराया है। इसके जरिये ही अवैध माइनिंग और ट्रांसपोर्टेशन हो रहा है। सभी संबंधित खदानों के लीज दस्तावेज की भी जानकारी ली जायेगी। लीज दस्तावेजों के आधार पर अधिकारियों से पूछताछ भी हो सकती है। विभिन्न बैंकों में पत्थर कारोबारियों के खाते की भी पूरी डीटेल ईडी की टीम ने मंगायी है। उसकी जांच भी की जा रही है।