Joharlive Team
रांची : मिट्टी को मिले जान। बढ़े झारखण्ड की शान। समृद्ध हों किसान। खेत की मिट्टी को सेहतमंद बनाने में राज्य सरकार जुट गई है। यही वजह है कि आज मिट्टी की डॉक्टर दीदियों को पहचानपत्र व मिट्टी जांच हेतु मिनी लैब किट दिया जा रहा है। ताकि किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच उनके ही पंचायत व गांव में हो सके। किसानों को उस मिट्टी में किस फसल की खेती करनी चाहिए, कौन से खनिज की मात्रा बढ़ानी चाहिए इसकी जानकारी मिट्टी की डॉक्टर दीदियां उपलब्ध कराएगी। इसके 2 फायदे हैं पहला किसानों के खेतों की उत्पादकता बढ़ेगी, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हम साध सकेंगे। वहीं दूसरी ओर डॉक्टर दीदियों के आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त होगा। इस कार्य से हर माह डॉक्टर दीदियां करीब 14 हजार रुपये कमा सकेंगी। ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही। दास खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इनडोर स्टेडियम में आयोजित मिट्टी की डॉक्टर सम्मान एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड आर्गेनिक एक्सपो में विजेता झारखण्ड की दीदियों को शुभकामनाएं व धन्यवाद दिया। दास ने कहा डॉक्टर दीदियां यों ही भारत भूमि की सेवा, स्वास्थ धरा, खेत हरा के नारे को चरितार्थ करेंगी।
रानी मिस्त्री की तरह डॉक्टर दीदियां मिशाल कायम करेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार राज्य की महिलाओं ने रानी मिस्त्री बनकर पूरे देश का मान बढ़ाया और झारखण्ड को खुले में शौच से मुक्त किया। उस तरह डॉक्टर दीदियां भी किसानों की मिट्टी को सेहतमंद बनाकर किसानों की आर्थिक समृद्धि और अधिक उत्पादन की वाहक बनेंगी। सरकार की मंशा भी यही है कि किसान समृद्धि शाली बनें, उनकी आय दोगुनी हो। राज्य सरकार कॄषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के कथन अनुसार कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रही है- जो पांच समस्याओं यथा- मिट्टी, पानी, कर्ज या बीमा, फलोपरांत और तकनीक का जिक्र उन्होंने किया था उन समस्याओं को दूर करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहें हैं। ताकि किसानों की आमदनी बढ़ा कर कृषि को लाभदायक बनाया जा सके।
कई राज्यों को कृषि विकास दर में झारखण्ड के किसानों ने पीछे छोड़ा
दास ने कहा कि 2014 से पूर्व राज्य का। कृषि विकास दर -4 प्रतिशत था। लेकिन विगत साढ़े चार वर्ष में यह बढ़कर प्लस 14 प्रतिशत हो गया। आज बिहार की कृषि विकास दर 6.62 प्रतिशत, उड़ीसा की 10.7 प्रतिशत, बंगाल की 5.5प्रतिशत और आंध्रप्रदेश की 11.39 प्रतिशत है और हमारी 14.5 प्रतिशत। इस दर को और बढ़ाने में मिट्टी की डॉक्टर की भूमिका मायने रखेगी। आने वाले दिनों में राज्य की 100किसानों को फिर इजरायल भेजा जाएगा। इनमें 50 पुरुष किसान, 25 सखी मंडल की बहनें और 25 महिला किसान शामिल होंगी।
यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक प्रयास
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम उन महिला उद्यमियों को समर्पित है, जिन्होंने मिट्टी के डॉक्टर के रूप में खुद को स्थापित करने का प्रयास किया। अब पंचायत स्तर पर किसानों की मिट्टी की जांच कर मिट्टी में मौजूद बीमारी के संबंध में उन्हें बताया जाएगा। इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। क्योंकि गांव का हर परिवार मिट्टी से जुड़ा हुआ है। अगर मिट्टी के सही उपयोग का पता चल जाए तो बदलाव व उत्पादकता जरूर बढ़ेगी। आज मिट्टी की डॉक्टर दीदियों को मिट्टी जांच हेतु किट दिया जा रहा है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। राज्य सरकार ने 25 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड के विरुद्ध 17 लाख कार्ड बनाए हैं।
किसान मिट्टी का स्वास्थ्य ठीक कर सकेंगे
सचिव कृषि व पशुपालन मती पूजा सिंघल ने कहा कि डॉक्टर दीदियों के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम रखा गया है जो 8दिनों तक आयोजित होगा। कुल बैच की संख्या 434 होगी। प्रशिक्षण के बाद सभी मिट्टी के डॉक्टर किसानों को खेती की मिट्टी की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड निर्गत करेंगे एवं मिट्टी में क्या क्या कमी है किसान को बताएंगे। ताकि किसान उर्वरक एवं दवाओं का उचित मात्रा में प्रयोग कर मिट्टी के स्वास्थ्य को ठीक कर सकें। जिससे कि उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में 3000 महिलाओं को प्रशिक्षण मिलेगा। गांव के स्तर पर मिट्टी की जांच होगी। सभी पंचायत में यह व्यवस्था करने की योजना है। यह कार्य 2022 तक किसानों की आय को दुगनी करने में सहायक होगा।
मिट्टी की डॉक्टर पंचमी देवी, पार्वती देवी, मेघा देवी ने एक मिट्टी की डॉक्टर के रूप में अपना अनुभव लोगों के समक्ष साझा किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मेघा देवी, सुमन देवी, ममता कुमारी,सुशीला बेदिया, पार्वती कुमारी को सांकेतिक तौर पर मिट्टी की डॉक्टर के रूप में पहचान पत्र व इंदुमती देवी, मुनिता कुमारी, गीता देवी एवं मंजू देवी को सांकेतिक रूप से प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने मिट्टी का डॉक्टर के लोगो का अनावरण भी इस अवसर पर किया।
मुख्यमंत्री ने प्रमिला देवी, रोपनी देवी, सुगण देवी, सोमा देवी को मिनी लैब किट एवं गोमती उराईन, संगीता देवी, पियो देवी और सुकरु देवी को सांकेतिक तौर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड सौंपा।
इस अवसर पर कांके विधायक जीतू चरण राम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, सचिव कृषि पूजा सिंघल, कृषि निदेशक छवि रंजन, JSLPS के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार, उपायुक्त रांची राय महिमापत रे, डीडीसी रांची अनन्य मित्तल, राज्यभर से आईं मिट्टी की डॉक्टर दीदियां, सखी मंडल की महिलाएं, कृषि विभाग के अधिकारी व अन्य उपस्थित थे।