झारखंड

कोयला के नाम पर भेज रहा पत्थर, ईसीएल लगा रहा एनटीपीसी को चूना

जामताड़ा: रेलवे साइडिंग से एनटीपीसी के विभिन्न थर्मल पावर में कोयले की जगह पत्थर का भंडार पहुंच रहा है. चितरा कोलयरी के अधिकारियों की लापरवाही कहें या उनकी मिली भगत, एनटीपीसी को कोयला के बदले कोयला के दाम पर पत्थर भेजा जाता है. इस बात की पुष्टि वर्तमान स्थिति को देखकर ही स्पष्ट हो जाता है. सनद रहे की बीते दो दिनों से ही एनटीपीसी में कोयला ढुलाई के लिए जामताड़ा रेलवे साइडिंग में रेक का परिचालन शुरू हुआ है जबकि बीते एक सप्ताह से परिचालन पूरी तरह बंद था. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार कोयले में भारी मात्रा में पत्थर का समावेश होने के कारण एनटीपीसी के द्वारा कोयले के उठाव पर रोक लगा दिया गया था. इसी के कारण करीब एक हफ्ते तक जामताड़ा से कोयले का उठाव नहीं हो पाया जिसकी वजह से साइडिंग परिसर में कोयल का अंबार लग गया था और कोयला लेकर आने वाले डंपरों को खाली करने के लिए जगह नहीं मिल रही थी.

महाप्रबंधक की कारवाई, कोयले से छांटा गया पत्थर

कोयला दुलाई पर एनटीपीसी द्वारा रोक लगाए जाने से जब पदाधिकारी के हाथ पांव फूलने लगे तब चितरा के महाप्रबंधक एके आनंद बीते रविवार के देर रात को खुद जामताड़ा रेलवे साइडिंग पहुंचे और ताबातोड़ कार्रवाई की. देर रात को उन्होंने मजदूरों को लगाकर कोयले से पत्थरों की छंटाई शुरू करवाई. इस दौरान पत्रकार के द्वारा इससे संबंधित समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने अपने गर्म तेवर का परिचय दिया. पत्रकार के सवाल के जवाब में उन्होंने कुछ बताया नहीं बल्कि उल्टा पत्रकार को धमकाया और कहा कि किसके परमिशन से आप साइडिंग परिसर में पहुंचे. पत्रकार का परिचय पत्र न सिर्फ देखा बल्कि उसका फोटो खींचकर इसकी पुष्टि करने की बात कही और सीआईएफ को दिखाते हुए धमकी भरे अंदाज में साइडिंग परिसर से दूर रहने की हिदायत दी. उनके इस व्यवहार से स्पष्ट होता है कि साइडिंग परिसर में कोयला चोरों को आने के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं है बल्कि पत्रकारों को परमिशन लेकर आना होगा. अभी आलम यह है कि ना तो कोयले में पत्थरों का आना कम हुआ है और ना ही पुरानी व्यवस्था में किसी प्रकार का कोई सुधार हुआ है.

पुलिस के पास नही है कोई लिखित शिकायत

चितरा कोलयरी के महाप्रबंधक एके आनंद ने स्पष्ट रूप से जामताड़ा जिला पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हीं के लापरवाही के कारण कोयले की चोरी होती है. उन्होंने कहा कि हम पूरा कोयला भेजते हैं और यहां आकर घट जाता है और पत्थर निकलता है. कोयला चोरी होने का सारा दारोमदार उन्होंने जिला पुलिस प्रशासन पर डालकर अपना पिंड छुड़ाने का प्रयास किया. इस बाबत पूछे जाने पर जामताड़ा एसपी अनिमेष नथानी ने बताया कि मेरे पास इस तरह का कोई भी लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है. चितरा कोलयरी प्रबंधन को अगर गबन की किसी प्रकार की कोई शिकायत है तो वह लिखित रूप से हमें दें और उस ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई करें जो माल ढुलाई के लिए जवाबदेह है.

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