जापान की एक यूनिवर्सिटी ने अपनी हालिया स्टडी में पाया है कि चबाकर खाने और डीआईटी (DIT) यानी आहार-प्रेरित थर्मोजेनेसिस के बीच गहरा संबंध है. वासेदा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स द्वारा की गई इस स्टडी में सामने आया है कि खाने को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर हेल्दी रहता है. साथ ही धीरे-धीरे खाने और खाने को अच्छी तरह से चबाने से मोटापे और बढ़ते वजन को रोकने में मदद मिलती है. हालांकि, ये तथ्य एक सदी पहले लोकप्रिय हो चुका है और बाद में कई स्टडीज में भी इसकी पुष्टि होती रही है.
वासेदा यूनिवर्सिटी की डॉ युका हमदा और प्रोफेसर नायोयुकी हयाशी के नेतृत्व में की गई इस स्टडी के निष्कर्षों को ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है. आमतौर पर देखा गया है कि चबाने से खाने के मेटाबॉलिज्म से संबंधित ऊर्जा की खपत होती है और आंतों की एक्टिविटी बढ़ती है. खाने के बाद शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिसे आहार-प्रेरित थर्मोजेनेसिस के रूप में जाना जाता है.
स्टडी में क्या निकला
डीआईटी (DIT) वजन बढ़ाने को रोकने के लिए जाना जाने वाला एक कारक है, जो बुनियादी उपवास स्तर से ऊपर की ऊर्जा की खपत करता है. इससे पहले डॉ हमदा और प्रो हयाशी की टीम ने पाया था कि धीरे -धीरे खाने और पूरी तरह से चबाने से न केवल डीआईटी में वृद्धि हुई, बल्कि आंत वाले क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन में भी वृद्धि हुई. हालांकि, इन स्टडीज ने चबाने से उत्पन्न डीआईटी को पेट में पाचन और अवशोषण से संबंधित गतिविधि में वृद्धि के साथ जोड़ा, लेकिन उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की खोज के लिए नई गुंजाइश छोड़ी है.
स्लो खाने से कैसे होता वेट कंट्रोल
मुंह में खाने को अच्छी तरह से चबाना वास्तव में मोटापे को रोकने में मदद कर सकता है. इस स्टडी के मुताबिक, धीरे-धीरे खाने और पूरी तरह से चबाने से हमारा वजन नियंत्रित रहता है.
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