जापान : नए साल पर जापान में आए भूकंप ने भीषण तबाही मचाई है. अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग घायल हैं. सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचा और सड़कें उखड़ गई हैं और हजारों लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. 38 फ्लाइट कैंसिल की जा चुकी हैं. हालात इतने खराब हैं कि जापान की सेना को जमीन पर उतारना पड़ा है. जापानी अधिकारियों के मुताबिक एक ही दिन के अंदर भूकंप के करीब 155 झटके महसूस किए गए. इसमें कई झटके 6 तीव्रता से ज्यादा के थे, जबकि पहला झटका 7.6 तीव्रता का था. इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई..
भूकंप की तीव्रता को देखते हुए जापान में तुरंत सुनामी की चेतावनी कर दी गई थी. इसके बाद जापान के समुद्री क्षेत्र में 5 फीट तक ऊंची लहरें भी उठीं. इस भूकंप के कारण जापान के कई मुख्य हाईवे बंद करने पड़े, जिसके चलते डॉक्टर और सेना के जवानों सहित रेस्क्यू अभियान में जुटे लोग भी अलग-अलग स्थानों पर फंस गए. इन सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें देखी गईं.
100 घरों तक फैली आग, सैकड़ों इमारतें ढहीं
सरकारी न्यूज चैनल NHK की ओर से जानकारी दी गई है कि सोमवार को आए 7.6 तीव्रता वाले भूकंप की वजह से वजीमा शहर में लगी आग जो कि 100 घरों और बिल्डिंग्स में फैल गई थी, उसे बुझाने में दमकलकर्मी जुटे रहे. यहां के निवासियों को जापान के समुद्र तट पर लगभग पूरी लंबाई में सुनामी की संभावना को लेकर सतर्क रहने को कहा गया था, हालांकि बड़ी सुनामी की चेतावनी को वापस ले लिया गया था.
सरकारी चैनल NHK ने बताया कि मंगलवार की सुबह तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. अभी तक, भूकंप के बाद वजीमा में सबसे ऊंची सुनामी 1.2 मीटर या 4 फीट की रिकॉर्ड की गई है. टोक्यो के उत्तर-पश्चिम में करीब 315 किलोमीटर (195 मील) क्षेत्र के बड़े हिस्से के निवासियों से तट से दूर ऊंची जगहों पर चले जाने और चेतावनी हटने तक वहीं रहने के लिए कहा गया है.
नोटो प्रायद्वीप पर सबसे ज्यादा असर
बता दें कि जापान में आए भूकंप ने सबसे ज्यादा दूर-दराज में स्थित नोटो प्रायद्वीप को प्रभावित किया है. इस जगह पर जापानी सेना के हजारों जवान तैनात किए गए हैं. जापान के परिवहन मंत्रालय के मुताबिक चार एक्सप्रेसवे, दो हाई-स्पीड ट्रेन, 34 लोकल ट्रेन लाइन और 16 समुद्री यातायात को रोक दिया गया है. जापान के मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भूकंप के और अधिक शक्तिशाली झटके आ सकते हैं.
अंधेरे में डूबे 33,000 घर
भूकंप की वजह से कुछ ट्रेन सेवाओं को भी कैंसिल कर दिया गया है, सुरक्षा कारणों से पावर प्लांट्स को बंद कर दिया गया, सड़कें उखड़ने की वजह से एक एयरपोर्ट रनवे को भी बंद कर दिया गया है. मोबाइल फोन सर्विसेज पर भी असर पड़ा है. होकुरिकु इलेक्ट्रिक के मुताबिक, मंगलवार सुबह तक लगभग 33,000 घरों में बिजली नहीं थी. भूकंप ने क्षेत्र के कई पावर प्लांट्स को प्रभावित किया. जापान इलेक्ट्रिक पावर एक्सचेंज की वेबसाइट के अनुसार, होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के नानाओ ओह्टा पावर प्लांट की कोयला आधारित इकाइयां भूकंप के कारण बंद हो गईं, जिससे लगभग 1.2 गीगावाट क्षमता का नुकसान हुआ.
रूस और साउथ कोरिया में भी अलर्ट
जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने रेस्क्यू टीमों को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने का आदेश दिया है. जापान में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद रूस, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. रूस के सखालिन द्वीप के पश्चिमी तट और मुख्य भूमि प्रिमोर्स्क और खाबरोवस्क क्षेत्र सुनामी का खतरा है.
मदद के लिए आगे आया अमेरिका
जापान में भूकंप से आई इस भीषण तबाही के बाद अमेरिका ने मदद की इच्छा जाहिर की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि जापान की किसी भी तरह से मदद के लिए अमेरिका तैयार है. उन्होंने कहा कि निकट सहयोगियों के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान दोस्ती का गहरा बंधन साझा करते हैं, जो हमारे लोगों को एकजुट करता है. इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं जापानी लोगों के साथ हैं.
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने सोमवार देर रात रिपोर्टर्स से कहा कि वो मंगलवार को एक इमरजेंसी डिजास्टर कंट्रोल टास्कफोर्स की बैठक बुलाएंगे. जापान के न्यूक्लियर रेगुलेशन अथॉरिटी ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में कोई असामान्यता नहीं पाई गई है.
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