हजारीबाग: मेरु गांव के रहने वाले बीएसएफ के आरक्षक सफाईकर्मी रविंद्र कुमार 167 बटालियन की मौत नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हो गई. बुधवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक आवास मेरु गांव लाया गया, जहां उन्हें बीएसएफ परिवार के द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस दौरान बीएसएफ के कई वरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे. इसके अलावा हजारीबाग जिला प्रशासन के पदाधिकारी ने भी जवान को श्रद्धांजलि दी.

जैसे ही जवान का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ मेरू गांव पहुंचा, भारत माता की जय के नारों से फिजा गूंज उठी. ग्रामीणों ने रविंद्र कुमार अमर रहे और भारत माता की जय के नारे के साथ अंतिम विदाई दी. बीएसएफ जवान को अंतिम विदाई पूर्व सैनिक सम्मान के साथ दिया गया. अंतिम यात्रा में सेना, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय लोग भी मौजूद रहे. दूसरी ओर, शव आने के साथ ही पूरा परिवार में मातम पसर गया. इस दौरान सबसे बुराहाल उनकी मां का था. जवान का एक बेटा और बेटी भी है, जिसमें बेटी बड़ी है. जवान के छोटे भाई का कहना है कि मेरा भाई देश की सेवा करते हुए इस दुनिया से चला गया. मुझे दुख भी है और अपने भाई पर फक्र भी.

पदाधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के भिलाई में नक्सल विरोधी अभियान (anti naxal operation) चलाया जा रहा है. इसमें उनकी ड्यूटी लगी थी. 16 अगस्त को अचानक उनकी तबीयत खराब हुई और मौत हो गई. मौत का कारण क्या है, इसे लेकर उनका कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

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