Joharlive Team
दुमका: जिले के इंडोर स्टेडियम में विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि समाज कल्याण मंत्री, डॉ लुईस मरांडी, दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी, पुलिस उप महानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा एवं पुलिस अधीक्षक वाईएस रमेश एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों को पुष्प देकर उनका स्वागत किया गया। मुख्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गई। एकलव्य विद्यालय की छात्राओं ने ढोल मांदर बाजे रे गाने पर एवं जेएसएलपीएस की दीदीयों ने संथाली अंदाज में मुख्य अतिथियों की उपस्थिति में नृत्य प्रस्तुत किया। मंत्री महोदया डॉ लुईस मरांडी ने आदिवासी समाज से आये प्रतिनिधियों को संथाली में संबोधित करते हुए कहा कि हम आदिवासीयों का व्यक्तित्व मनोरंजन करने वाले और रहने वाले होते है। प्रकृति के बीच में नाच, गाना, ढ़ोल एवं मांदर बजाते हैं। हमें अपनी संस्कृति का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि पूर्वजों द्वारा बनाये गए संस्कृति को बनाये रखने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से दुमका क्षेत्र में कला संस्कृति भवन बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम संकल्प लेते हैं कि हम अपने समाज को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे। ताकि झारखंड राज्य में दुमका जिला एक आदर्श जिला के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि आप अपने स्तर से भी विश्व आदिवासी दिवस को बड़े धूमधाम मनाइए और आने वाली पीढ़ियों को आदिवासी संस्कृति से जागरूक कीजिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर गांव में शुद्ध पानी के लिए पानी टंकी की व्यवस्था की है। ताकि लोगों को पेयजल के लिए भटकना नहीं पड़े। लोगों के विकास के लिए सरकार तत्पर कार्य कर रही है। अंत में उन्होंने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उपायुक्त महोदया राजेश्वरी बी ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस को कई देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। चाहे अफ्रीका हो, अमेरिका हो या कोई भी जगह हो वहां के मूल निवासी आदिवासी ही होते है। उन्होंने कहा कि हम इस मौहोल में रह रहे हैं। जहां पानी, पेड़, एवं पहाड़ है। इसका मुख्य श्रेय आदिवासी समाज को ही जाता है। क्योंकि ये इसका कई वर्षों से संरक्षण कर रहे हैं। आज तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है। इसके लिये हमें जल संरक्षण एवं जल संचयन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का दायित्व है कि जितने भी कल्याणकारी योजनाएं है। उन्हें योग्य लाभुकों तक पहुंचाना है। उन्होंने इसी दौरान आदिवासीयों के लिए बनाए गए कई कल्याणकारी योजनाओं से अवगत करवाया। इस अवसर पर वरीय पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।

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