राजीव झा

जामताड़ा : दुमका लोकसभा संथाल ही नहीं, बल्कि उप राजधानी होने के नाते पूरे झारखंड के लिए अहम सीटों में से एक है. भाजपा और झामुमो के बीच आमने-सामने की टक्कर होती दिखाई दे रही है. जमीनी स्तर पर अपना-अपना मत जुगाड़ करने की बात सभी दल के नेता कर रहे हैं, पर हकीकत यह है कि आम समाज में लोकसभा चुनाव को लेकर जो उत्साह, जो चर्चाएं, जो उमंग पहले दिखाई देती थी वह अभी नहीं के बराबर दिख रही है. सोशल मीडिया रुझान, सामाजिक रुझान दोनों ही पर्टियों के ऊपरी गतिविधियों पर ही केंद्रित है. सभी एक दूसरे से मन की बात जानने को उत्सुक दिखाई दे रहे हैं.

अब बात प्रत्याशियों की करें तो जहां एक तरफ भाजपा में शामिल हुई दिशोम गुरू शिबू सोरेन की बड़ी पुत्रवधू सीता सोरेन प्रत्याशी के रूप में सामने खड़ी हैं, वहीं दूसरी तरफ शिबू सोरेन के समर्थन से प्रत्याशी के रूप में नलीन सोरेन को खड़ा किया गया है. आलम यह है कि इन दोनों ही प्रत्याशियों के साथ पार्टी तो अलग-अलग है पर ब्रांड नेम एक ही है. दुमका लोकसभा से सात बार सांसद रह चुके शिबू सोरेन का यह गढ़ माना जाता है और इसमें कोई शक नहीं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा इस सीट पर अपनी प्रबल दावेदारी रखती है.

बात करें सीता सोरेन की तो एक ओर जहां भाजपा जैसी बड़ी पार्टी का बैनर, पीछे मोदी का नाम और सामने विरासत में मिली दिशोम गुरु शिबू सोरेन का नाम. ऐसे में इनकी प्रबल दावेदारी को भी बहुत ही गंभीरता से लेने की जरूरत है. एक प्रत्याशी को शिबू सोरेन का समर्थन प्राप्त है, तो दूसरे के नाम के साथ उनका नाम जुड़ा हुआ है. आम जनता में थोड़ी बहुत कन्फ्यूजन तो जरूर है, क्योंकि जिसकी भी तरफ देखते हैं वहां गुरु जी की छाप दिखाई देती है. दुमका लोक सभा सीट पर गुरुजी का नाम यदि जीत हार के लिए फैक्टर है तो अलग-अलग रूप में दोनों ही प्रत्याशी के साथ जुड़ा हुआ है. ऐसे में इस सीट पर आम जनता का निर्णय बड़ा ही दिलचस्प और देखने लायक होगा. अभी तो नामांकन की प्रक्रिया ही चल रही है. इसके बाद ताबड़तोड़ प्रचार अभियान चलेगा. अपने मत का प्रयोग करने को लेकर विचार करने के लिए लोगों के पास अभी पर्याप्त समय है. दुमका लोकसभा के मतदाताओं को मतदान के बाद परिणाम जानने के लिए ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

 

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