Joharlive Team

दुमका। सोशल मीडिया वर्तमान में सूचनाओं के त्वरित सम्प्रेषण करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस न्यू मीडिया के माध्यम से पलभर में ही खबरें आसानी से एक बड़े फलक तक पहुंच जाती हैं। फेसबुक, वाट्स ऐप, ट्विटर, यूट्यूब तक आज हर लोगों की पहुंच है। इस दौरान कई बार लोग संदेश की सत्यता को बिना जांच के ही प्रेषित करना शुरू कर देते हैं, जिससे कई बार विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है साथ ही लोगों में भय का माहौल बन जाता है। डीसी दुमका राजेश्वरी बी ने कहा कि किसी भी संदेश की सत्यता को बिना जांचे यदि कोई खबरें संप्रेषित करता है तो उक्त व्यक्ति के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी। अफवाह फैलाने में वैसे लोगों की भूमिका समझी जायेगी। डीसी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर अफवाहों का प्रचार प्रसार करते पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जायेगा। जिला प्रशासन असमाजिक तत्वों और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर नजर रख रही है। इन सबको ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया यथा व्हाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर आदि के ग्रुप एडमिन व सदस्यों के लिए निर्देश जारी करते हुए डीसी ने कहा कि ग्रुप एडमिन वही बनें जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वहन करने में समर्थ हों। अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एड मिन पूर्णत: परिचित हों। ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलत बयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफवाह बन जाये, पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर उसका खंडन करें और संबंधित उस सदस्य को ग्रुप से हटाया जाय। अफवाह / भ्रामक सूचना / सामाजिक समरसता के विरुद्ध सूचना पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जाय। ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हे भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट साइबर क्राइम तथा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। किसी भी धर्म के नाम पर भावनाओं को आहत करने वाले पोस्ट किसी भी ग्रुप में डाले जाने पर समाज में तनाव उत्पन्न होने की संभावना रहती है।ऐसे पोस्ट करने या किसी अन्य ग्रुप के फॉरवर्ड करने पर आईटी एवं आईपीसी की सुसंगत धाराओं के आधार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ग्रुप एडमिन की भी जिम्मेवारी तदनुरूप निर्धारित की जाएगी।

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