जामताड़ा : राजस्व ग्राम प्रधान और उसके सहयोगियों के अधिकार के प्रति शासन-प्रशासन उपेक्षापूर्ण नीति अपना रही है. इसी का परिणाम है कि केंद्र तथा राज्य सरकार के सौजन्य से जनहित में संचालित योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच पाता है. इतना ही नहीं उपयोगी योजनाओं का निर्माण कार्य भी उपयुक्त स्थल पर नहीं हो रहा है. आय, आवासीय, जाती प्रमाण पत्र व भूमि सत्यापन प्रपत्र में भी ग्राम प्रधान के अनुशंसा के बगैर ही निर्गत की जा रही है. यह बातें मंगलवार को जामताड़ा स्थित गांधी मैदान में संपन्न ग्राम प्रधान संघ जिला कमेटी की बैठक में जिला महामंत्री शिवलाल मुर्मू ने कही. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के छोटे या बड़े योजना का चयन या क्रियान्वयन के पूर्व ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में ग्राम सभा का आयोजन होना अनिवार्य है, लेकिन जिले में इसका अनुपालन नहीं हो रहा है. इन सभी अनियमिताओं को शासन-प्रशासन का संरक्षण मिल रहा है.

 

प्रमंडल स्तर पर होगा धरना-प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जिले में परंपरागत व्यवस्था सशक्त एवं समृद्ध बने तथा ग्राम प्रधान को मिले अधिकार को प्रभावकारी बनाने के लिए पहले प्रखंड स्तर पर इसके बाद जिला तथा प्रमंडल स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. इसकी तैयारी को लेकर संथाल परगना के सभी जिला तथा प्रखंड संगठन पदाधिकारी से वार्ता कर तैयारी पूरी की जा रही है. प्रखंड स्तरीय धरना-प्रदर्शन जामताड़ा जिले के नारायणपुर प्रखंड से शुरू होगी.

ग्राम प्रधान अपने अधिकार से हैं अनभिज्ञ- अजीत दुबे

जिला अध्यक्ष अजीत दुबे ने कहा संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम में अनुसूचित जिले के ग्राम प्रधान को विकास योजनाओं को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान की है. शासन-प्रशासन के ढुलमुल रवैया के कारण आज भी ग्राम प्रधान अपने अधिकार से अनभिज्ञ है जिसका खामियाजा सीधे आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

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