रांची: कोरोना काल में लगातार दूसरे साल भी भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के एकांतवास से लौटने पर यात्र नहीं निकाली जाएगी. एचईसी परिसर के जगन्नाथपुर स्थित भगवान जगन्नाथ जी की सादगी से नेत्रदान अनुष्ठान को संपन्न कराया गया. कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक नेत्रदान अनुष्ठान में केवल मंदिर के पुजारी और सेवक शामिल हुए.
भगवान जगन्नाथ जी के नेत्रदान अनुष्ठान के बाद विशेष आरती की गई. अब नौ दिन तक भगवान दर्शन मंडप में रहेंगे. यहीं पर पुजारियों की ओर से दैनिक पूजा का आयोजन होगा. भगवान जगरनाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ 24 जून को एकांतवास पर चले गए थे. इस दौरान दर्शन मंडप में प्रतीक तौर पर पूजा-अर्चना और आरती का काम चलता रहा.
कल रथयात्रा का नहीं होगा आयोजन
बता दें कि कोरोना काल में रथयात्रा को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय ने निर्णय लेने का जिम्मा राज्य सरकार के ऊपर दे दिया था. इसके बाद सरकार की ओर से रथ यात्रा को लेकर किसी तरह के दिशा निर्देश मंदिर प्रबंधन को नहीं मिला है. सुबोधनाथ साहदेव ने बताया कि सरकार की ओर से कोई दिशा निर्देश नहीं मिलने के बावजूद कल रथ यात्रा नहीं होगी. क्योंकि इसकी तैयारी के लिए वक्त चाहिए होता है.
वर्ष 1691 से रांची में रथयात्रा का होता चला आ रहा था आयोजन
रांची के जगन्नाथपुर में साल 1691 से निकल रही रथ यात्रा 2020 के बाद लगातार दूसरी बार 2021 में भी नहीं निकलेगी. वर्ष 1691 ईस्वी से धुर्वा के जगन्नाथपुर मंदिर परिसर से निकलने वाली इस रथ यात्रा और भगवान के मौसीबाड़ी प्रवास अवधि के आसपास मेले का आयोजन किया जाता था. वो भी इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नहीं लगा है.