जामताड़ा : नक्सली हमले में शहीद हुए अमर शहीद डीएसपी प्रमोद कुमार की 16वीं पुण्यतिथि मनाई गई. जिले के मिहिजाम स्थित शहीद प्रमोद कुमार के पैतृक आवास पर परिजनों द्वारा पूजा-अर्चना व प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी पुण्यतिथि मनाई गई. वहीं, डाकबंगला स्थित प्रमोद कुमार की प्रतिमा स्थल पर भी स्थानीय लोगों द्वारा उनकी पुण्यतिथि मनाई गई, जहां लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. आश्चर्य की बात तो यह रही कि कर्तव्य पथ पर चलते हुए देश व राज्य के लिए खुद को कुर्बान करने वाले पुलिस अधिकारी के शहादत दिवस पर जिला प्रशासन ने संवेदना तक नहीं जताई और न ही कोई श्रद्धांजलि देने आया.
बता दें कि रांची जिले के बुंडू अनुमंडल में एसडीपीओ के पद पर पदस्थापित रहते हुए उन्होंने एक बड़े डकैती कांड के उद्भेदन के लिए छापेमारी की थी, ताकि डकैती कांड के आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर मामले का उद्भेदन किया जा सके. इसी बीच 30 जून 2008 को हूल दिवस के दिन वे बुंडू के जंगल से गुजर रहे थे. तभी नक्सलियों ने बीच सड़क में बारूदी सुरंग लगाकर उनके काफिले पर हमला कर दिया. जिसमें भीषण विस्फोट के साथ उनके वाहन के परखच्चे उड़ गए. इस हमले में प्रमोद कुमार सहित अन्य पुलिस जवान शहीद हो गए.
आज मिहिजाम के युवाओं को गर्व महसूस होता है कि उनके शहर में ऐसे वीर सपूत ने जन्म लिया जो अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटा और अपनी जान की परवाह किए बगैर नक्सल प्रभावित इलाकों में छापेमारी करता रहा. मिहिजाम के युवा डीएसपी प्रमोद कुमार को अपना आदर्श मानते हैं और उनके जैसा मेहनती, ईमानदार और समर्पित पुलिस अधिकारी बनना चाहते हैं. वहीं, परिजनों को अपने बीच से प्रमोद कुमार को खोने का बेहद दुख है.
उनकी आंखों में आंसू बता रहे हैं कि आज तक दर्द भरा नहीं है. इसके बावजूद परिजनों को गर्व महसूस हो रहा है. शहीद की भाभी मंजू देवी ने कहा कि हमें जिंदगी भर इस बात का दुख रहेगा कि प्रमोद कुमार हमारे बीच नहीं रहे. लेकिन यह भी गर्व की बात है कि उन्होंने देश और राज्य की सेवा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है.इस अवसर पर डॉ एलएन प्रसाद, शंकर प्रसाद, सबनम देवी, अनिल कुमार, डॉ मनीष कुमार, अनिमेष कुमार, धर्मेंद्र गुप्ता समेत अन्य मौजूद थे.