रांची : बेटा-बेटी का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर एक पिता से लाखों रुपए की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. यह घटना राजधानी के एक दवा कारोबारी के साथ घटी है. पीड़ित डोरंडा थाना क्षेत्र के साकेत नगर निवासी अरविंद सिंह हैं, जिनसे बेटा-बेटी का मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलवाने के नाम पर 55 लाख रुपए की ठगी कर ली गई है. यह आरोप अरुणोदय सर्विसेज के संचालक मोहन सिंह, अक्षत सिंह और विक्रम महला पर लगे हैं. पीड़ित अरविंद सिंह ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ डोरंडा थाना में नामजद प्राथमिकी भी दर्ज करायी है.

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पुणे के कॉलेज में दाखिला मामला

पीड़ित द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के अनुसार, पुणे स्थित मेडिकल कॉलेज में एनआरआइ कोटा से दोनों बच्चों का एडमिशन कराने की बात कही गई थी. इसके एवज में अरुणोदय सर्विसेज द्वारा 67 लाख रुपए पेमेंट करने की बात बोली गई थी. इससे पूर्व पीड़ित दवा कारोबारी अरविंद सिंह बेटा व बेटी के दाखिला को लेकर काफी चिंतित थे. दोनों बच्चों को एनआइटी परीक्षा में कम रैंक आने की सूचना अरुणोदय सर्विसेज को हो गयी. इसके बाद कंपनी के विक्रम महला का फोन आया कि उनकी एजेंसी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाती है. फिर धीरे-धीरे अपने जाल में फंसाते चला गया.

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चेक व पेटीएम के माध्यम से की गई ठगी

दवा कारोबारी और अरुणोदय सर्विसेज के बीच बातचीत फाइनल होने के बाद कंपनी का विक्रम महला रांची आया और प्रोसेसिंग व एग्रीमेंट के नाम पर दस हजार रुपये मांगा. फिर बेटे के एडमिशन के लिए 22 लाख व बेटी के एडमिशन के नाम पर 18 लाख रुपये (कुल 40 लाख) चेक के माध्यम से ले लिया और लगभग 15 लाख रुपये पेटीएम भी करवा लिया. इस तरह कुल 55 लाख रुपए ले लिये. इसके बाद अरविंद सिंह को पुत्र-पुत्री के साथ पुणे के तेरना मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए बुलाया. पुणे पहुंचने के थोड़ी देर तक आरोपियों से बात हुई. उसके बाद तीनों ने अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर लिया. इसके बाद मेडिकल कॉलेज जाने पर उन्हें अपने ठगे जाने की जानकारी हुई. फिर अरविंद सिंह अपने परिवार के साथ पुणे स्थित तेरना मेडिकल कॉलेज पहुंच गए. वहां अरविंद सिंह ने कॉलेज कर्मियों से संपर्क किया तो बताया गया कि किसी एजेंसी या दलालों के माध्यम से एडमिशन नहीं होता है. आपसे ठगी हुई है.

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