रांची : बरियातू थाना क्षेत्र स्थित ईदगाह मैदान के समीप से 30 दिसंबर की सुबह अपहृत छात्रा को पुलिस ने मंगलवार को कोलकाता से बरामद किया है. छात्रा के स्कूल वैन का ड्राइवर ही अपहरणकर्ता निकला जिसे पुलिस ने 10 दिनों बाद डोरंडा से गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी ड्राइवर का नाम माजिद है. आरोपी माजिद बहुत ही शातिर अंदाज में ऑटो से छात्रा का अपहरण कर बुंडू ले गया था जहां उसे अपने परिचित के हवाले कर दिया था. ड्राइवर के परिचित ही अपहृत छात्रा को लेकर कोलकाता पहुंचे थे जहां उसे अपने पास कब्जे में रखे हुए था. फिलहाल गिरफ्तार अपहरणकर्ता से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है और इस कांड में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है. अपहृत छात्रा को बरामद कर रांची लाने के बाद मेडिकल जांच कराकर हटिया स्थित सेल्टर होम भेज दिया गया.
पीड़िता की मां प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद स्कूल वैन ड्राइवर के प्रति आशंका जताते हुए पुलिस के समक्ष उसका नाम बताया था. पीड़िता की मां द्वारा आशंका जताए जाने के बाद पुलिस ने ड्राइवर माजिद को थाना बुलाकर पूछताछ भी की थी. हालांकि पुलिस पूछताछ में उसने छात्रा के अपहरण की घटना में खुद की संलिप्तता से साफ इंकार किया था. जांच के दौरान टेक्निकल साक्ष्य सामने आने के बाद जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया. इसके बाद अपहरणकर्ता के निशानदेही पर अपहृत छात्रा को कोलकाता से बरामद किया गया.
छात्रा का अपहरण करने से पहले आरोपी ड्राइवर शातिर अंदाज में पूरा प्लान तैयार किया था. अपहरण करने के बाद भागने के लिए पहले ही रास्ता तय किया गया था. इसके लिए रेकी करते हुए अपहरणकर्ता ने वैसे रास्ते को चुना था जहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हो. इक्का-दुक्का जगह पर सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए भी पूरा प्लान तैयार किया गया था. यही वजह है कि अपहरण के लिए इस्तेमाल किया गया टेंपो में अपहरणकर्ता ने स्कूटी का नंबर प्लेट लगाकर रखा था. छात्रा को टेंपो में बैठाने के बाद सभी पर्दा गिरा दिया था ताकि कोई अपहृत छात्रा को देख ना सके. पुलिस ने वह टेंपो भी बरामद किया है जिससे छात्रा का अपहरण किया गया था.
अपहृत छात्रा के परिजन और पुलिस समेत अन्य किसी को उसपर शक ना हो, इसके लिए बुंडू में छात्रा को छोड़कर आरोपी ड्राइवर डोरंडा स्थित अपने घर लौट आया था. पुलिस को चकमा देने में वह एक हदतक कामयाब भी हो गया था. यही वजह है कि प्राथमिकी दर्ज होने के अगले ही दिन पुलिस ने संदिग्ध ड्राइवर से पूछताछ की थी लेकिन साक्ष्य के अभाव में उसे छोड़ना पड़ा था. पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ड्राइवर ने अपहरण में अपनी संलिप्तता से साफ इंकार किया था. पुलिस टेक्निकल सपोर्ट से भी उसे ना पकड़ सके, इसके लिए भी तैयारी की गई थी. छात्रा को मोबाइल नहीं रखने का सलाह भी आरोपी ड्राइवर ने ही दिया था. आरोपी ड्राइवर के कहने पर ही छात्रा खूद का मोबाइल लेकर नहीं निकली थी जिसके बाद उसे झांसा देकर वह अपहरण कर लिया था.
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