Joharlive Team
बेगूसराय। बेगूसराय का एक खेत बिहार में समेकित कृषि प्रणाली की दिशा में नई गाथा लिखने की तैयारी में है। बेगूसराय जिला के मनियप्पा निवासी सीआईडी के सेवानिवृत्त डीएसपी राम नरेश कुंवर द्वारा अपने गांव में शुरू किए गए ड्रैगन फ्रूट की खेती पूरे बिहार के किसानों के लिए प्रेरणादायक बन गया है। ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू होने की जानकारी मिलते ही बिहार के विभिन्न हिस्से से किसान आकर फसल देख रहे हैं, सीख रहे हैं और विस्तार से जानकारी लेने के बाद अपने खेत में भी लगाने का निश्चय ले रहे हैं।
राम नरेश कुंवर के इस अभियान को कृषि विभाग का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है और आत्मा ने राज्यभर के किसानों को यहां लाकर प्रशिक्षित करने का अभियान शुरू कर दिया गया है। किसानों के लिए कराए जा रहे परिभ्रमण कार्यक्रम में ड्रैगन फ्रूट को भी शामिल किया गया है। समस्तीपुर एवं नवादा के तीन सौ से अधिक किसानों ने आत्मा के परिभ्रमण कार्यक्रम में यहां आकर विस्तार से जानकारी ली है। समस्तीपुर और नालंदा में भी अगले सीजन से ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू हो जाएगी।
परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत समेकित कृषि प्रणाली और ड्रैगन फ्रूट की खेती देखने आए नवादा के किसान विष्णुदेव सिंह, गोपाल कुमार आदि ने बताया कि हम लोग भी अपने यहां प्रगतिशील खेती करते हैं। लेकिन ड्रैगन फ्रूट के संबंध में सिर्फ मोबाइल और टीवी में ही देखा-सुना था। पहली बार खेत पर आकर देख रहा हूं, हमने बहुत कुछ सीखा है और निश्चय किया है कि अब हम अपने यहां भी ड्रैगन फ्रूट की खेती करेंगे, जिसमें राम नरेश कुंवर एवं विभाग का सहयोग लेंगे।
आत्मा के उप परियोजना निदेशक अजीत कुमार ने बताया कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए नई-नई तकनीक से की जा रही खेती से उन्हें अवगत कराया जा रहा है। ड्रैगन फ्रूट बहुत ही अच्छी आय देने वाली फसल है, इसका मार्केट वैल्यू अधिक है। सबसे बड़ी बात है कि एक बार लगाने के बाद 20-25 साल तक फलता है और कम एरिया कवर करता है। किसी भी खेत, पोखर के चारों ओर इसे लगाया जा सकता है। बेगूसराय, समस्तीपुर और नवादा के सैकड़ों किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। कई अन्य जिलों से भी बहुत किसान आना चाह रहे हैं। उन्हें लाकर प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि बिहार के लोग ड्रैगन फ्रूट के लिए दूसरे जगहों के भरोसे नहीं रहें।