रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर भारत सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों व उत्पादकों के साथ समन्वय स्थापित कर चिकित्सा उपकरणों की कीमतों में कमी लाने के सार्थक प्रयास किये हैं। झारखण्ड से राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार के लिखे गये एक पत्र का उत्तर देते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी है।
सांसद श्री पोद्दार ने अपने पत्र में कार्डियक स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण की कीमतों में हुई उल्लेखनीय कमी से लोगों को मिली राहत उल्लेख करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को उत्पादकों और विभिन्न मंत्रालयों से संवाद कर अन्य चिकित्सा उपकरणों की कीमतों में कमी लाने का सुझाव दिया था।
सांसद श्री पोद्दार के पत्र का उत्तर देते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मांडविया ने आज कहा है कि नेशनल फर्मास्युटिकल प्राईसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने “ट्रेड मार्जिनरेशनलाईजेशन” के तहत ऑक्सीजन कंसंटेटर, ग्लूकोमीटर, नेबुलाइजÞर, पल्स आक्सीमीटर, बीपी मॉनिटर और डिजिटल थर्मामीटर सहित विभिन्न अन्य चिकित्सा उपकरणों की कीमतों को विनियमित किया है। इसके अलावा, एनपीपीए यह सुनिश्चित करता है कि दवाओं के रूप में अधिसूचित ‘उपभोग्य सामग्रियों’ (कंज़्यूमेबल्स) की एमआरपी उनके निर्माताओं द्वारा पूर्ववर्ती बारह महीनों के दौरान प्रचलितकीमत की तुलना में 10%से अधिक नहीं बढ़ाई जाय।
उन्होंने बताया कि वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार चिकित्सा उपकरणों पर तुलनात्मक रूप से उच्च शुल्क और उनके निर्माण में उपयोग किए जाने वाले इनपुट सामानों पर कम शुल्क लगाया जाता है ताकि इन वस्तुओं के स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके और एक मजबूत चिकित्सा उपकरण निर्माण क्षेत्र बनाया जा सके।
इसी प्रकार, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने यह प्रावधान किया है कि कंपनियों के द्वारा सीएसआर के रूप में की जानेवाली’इलीजिबल लिस्ट ऑफ ऐक्टिविटीज’ में स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देनाप्रमुख तौर परशामिल है।
इसके अलावा, अस्थायी अस्पतालों की स्थापना, अस्थायी कोविड देखभाल सुविधाएं, चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन और भंडारण संयंत्रों की स्थापना, कर्मचारियों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए कोविड-19 के उपचार और कोविड-19 टीकाकरण, ऑक्सीजन सांद्रक, वेंटिलेटर, सिलेंडर और अन्य चिकित्सा उपकरणों का निर्माण और आपूर्तिको भी सीएसआर गतिविधियों में शामिल किया गया हैेकेन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि इन प्रयासों से आम जनता के लिए चिकित्सा सुविधा को वहनीय बनाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।