जमशेदपुरः टाटा स्टील के पूर्व एमडी और कारपोरेट जगत में अपनी पहचान बनाने वाले डॉ जेजे ईरानी का टीएमएच अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया है. डॉ जेजे ईरानी के निधन से कॉरपोरेट जगत में शोक की लहर है. वो 86 वर्ष के थे और लंबे समय में बीमार चल रहे थे.
जमशेदपुर में स्थापित सौ साल से पुरानी टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी को द स्टील मैन ऑफ इंडिया का दर्जा मिला था. उन्होंने 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की. लेकिन हमेशा राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने के लिए तरस गए और 1968 में तत्कालीन टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी जो अब टाटा स्टील बन गया है, उसमें सहायक के रूप में शामिल होने के लिए भारत लौट आए. अनुसंधान एवं विकास के प्रभारी निदेशक 1978 में जनरल सुपरिंटेंडेंट, 1979 में जनरल मैनेजर और 1985 में टाटा स्टील के प्रेसिडेंट बने.
वो 1988 में टाटा स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक, 1992 में प्रबंध निदेशक बने और 2001 में सेवानिवृत्त होने से पहले वो 1981 में टाटा स्टील के बोर्ड में शामिल हुए और 2001 से एक दशक तक गैर-कार्यकारी निदेशक भी रहे. टाटा स्टील और टाटा संस के अलावा, डॉ ईरानी ने टाटा मोटर्स और टाटा टेलीसर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों के निदेशक के रूप में भी काम किया.
ईरानी 1992-93 के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ सीआईआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उन्हें कई सम्मानों से सम्मानित किया गया, जिसमें 1996 में रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के इंटरनेशनल फेलो के रूप में उनकी नियुक्ति और 1997 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा भारत-ब्रिटिश व्यापार और सहयोग में उनके योगदान के लिए मानद नाइटहुड शामिल है.
2004 में भारत सरकार ने भारत की नयी कंपनी अधिनियम के गठन के लिए विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ ईरानी को नियुक्त किया. उद्योग में उनके योगदान के लिए उन्हें 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. धातु विज्ञान के क्षेत्र में उनकी सेवाओं की स्वीकृति के रूप में उन्हें 2008 में भारत सरकार द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया. डॉ ईरानी के परिवार में उनकी पत्नी डेजी ईरानी और उनके तीन बच्चे, जुबिन, नीलोफर और तनाजो हैं.