रांची: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रबंधन रेस है. वहीं गवर्निंग बॉडी की बैठक में भी कई अहम निर्णय लिए गए है. इसके तहत हर तीन महीने में रिम्स में खाली पड़े पदों पर डॉक्टरों की बहाली होगी. ये बहाली 89 दिनों के लिए की जाएगी. जी हां, हम बात कर रहे है सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों और ट्यूटर की. जिससे कि इलाज के लिए आने वाले मरीजों को डॉक्टर मिलेंगे. वहीं इनडोर में इलाज करा रहे मरीजों को भी प्रापर विजिट करेंगे. इससे मरीजों को बेहतर सर्विस रिम्स में मिल सकेगी. बता दें कि पिछले दिनों गवर्निंग बॉडी की बैठक में एडहॉक पर डॉक्टरों की नियुक्ति करने की सहमति मिली है. इसके लिए वॉक इन इंटरव्यू आयोजित किया गया था. लेकिन डॉक्टरों ने इसमें इंटरेस्ट नहीं दिखाया. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 58 पोस्ट के लिए मात्र 6 लोग ही इंटरव्यू में शामिल हुए.
हॉस्पिटल में लगातार मरीजों का लोड बढ़ रहा है. ओपीडी में 2000 के करीब मरीज हर दिन इलाज के लिए पहुंचते है. वहीं इमरजेंसी में भी 400 से अधिक मरीज आते है. इनडोर में भी हमेशा 1500 से अधिक मरीज एडमिट होते है. ऐसे में सीनियर डॉक्टर मरीजों की तुलना में कम है. ऐसी स्थिति में सीनियर रेजीडेंट्स ही ओपीडी में मोर्चा संभालते है. वहीं इनडोर में राउंड लगाना भी उनके जिम्मे होता है. हालांकि उनके साथ सीनियर डॉक्टर भी होते है. लेकिन सीनियर रेजीडेंट्स का भी उतना ही रोल है जितना की सीनियर फैकल्टीज का.
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