रांची: आईएमए झारखंड और झासा कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना का विरोध कर रहा है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल में भी समर्थन कर रहे है. इस बीच आईएमए झारखंड और झासा ने दिल्ली आईएमए की बैठक के बाद कुछ निर्णय लिए है. वहीं अरुणाचल प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को ऑर्डिनेंस लाकर पारित किए जाने का स्वागत किया है. आईएमए का कहना है कि पहले से ही देश के 26 राज्यों में यह लागू है. इसे हमें संयुक्त रूप से प्रयास करना होगा कि झारखंड में भी इसे ऑर्डिनेंस के रूप में लाया जाए.
ये लिया गया निर्णय
- आरजीकर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में हुई घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा जारी विरोध का हम पूर्णतया समर्थन करते हैं.
- कोलकाता में हुई घटना को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में समान रूप से नाराजगी है,रोष है. हमें उसी घटना से संबंधित प्रेस वार्ता, संगोष्ठी,धरना प्रदर्शन करना है. प्रयास हो कि समाज के विभिन्न वर्ग हमारे साथ सम्मिलित हो जैसे-बार एसोसिएशन, चैंबर आफ कामर्स, इंडियन रेड क्रास सोसायटी, रोटरी क्लब, महिला मोर्चा.
- स्थानीय विधायक, सांसद, उनके प्रतिनिधि, विपक्षी पार्टी के प्रभावशाली जनप्रतिनिधि सभी को सम्मिलित किया जाने का प्रयास हो.
ये है मुख्य मांगें
- झारखंड राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट ऑर्डिनेंस के रूप में लाया जाये.
- अस्पताल को सेफ जोन घोषित किया जाए.
- मुख्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए.
- स्ट्रीट लैंप की पर्याप्त व्यवस्था हो.
- अस्पताल में पुलिस पिकेट स्थापित हो.
- महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षित रिटायरिंग रूम, कैफेटेरिया आदि की व्यवस्था हो.
- सरकारी डॉक्टरों के लंबित मांगें पूरी हो.
- 50 बेड के नीचे वाले हॉस्पिटल/क्लीनिक को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से मुक्त किया जाए.