रांची: रांची-टाटा मार्ग एनएच- 33 पर स्थित प्रसिद्ध दिउड़ी मंदिर में पहली बार सुबह की पूजा नहीं बाधित हुई है. घटना के बाद से आक्रोशित श्रद्धालुओं का जमावड़ा मंदिर परिसर में घंटों लगा रहा. पूजा करने आये लोग भी इस घटना के बाद से आक्रोश में दिखे. देखते-देखते सैकड़ों की संख्या में माता के भक्त मंदिर पहुंच कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे. सुरक्षा के दृष्टिकोण से मंदिर परिसर छावनी में तब्दील है. बुंडू एसडीपीओ रतिभान सिंह खुद मंदिर में कैम्प कर स्थानीय लोगों को समझाया.
घटना को लेकर तमाड़ से बुंडू तक तनाव का माहौल है. पुलिस ने काफी सूझबूझ से काम किया और आक्रोशित लोगों को मंदिर परिसर से दूर किया. आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार को बुंडू-तमाड़ को बंद रखने का आह्वान किया है. आरोपियों की भी गिरफ्तारी नहीं होने से स्थानीय लोग पुलिस से आक्रोशित है.
क्या है मामला
दरअसल, कुछ आदिवासी यहां सुबह पांच बजे पहुंचे और मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया. मंदिर के पुजारी और पाहन मंदिर के बाहर खड़े थे. आदिवासी समूह का कहना है कि यह देउड़ी मंदिर नहीं बल्कि दिउड़ी दिरी है. मंदिर पर सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. मंदिर पहले की तरह बिना सरकार के हस्तक्षेप से चलना चाहिए. जब इसकी सूचना तमाड़ थाने को मिल तो थाना प्रभारी रोशन कुमार दलबल के साथ पहुंचे और फिर बुंडू एसडीएम मोहन लाल मरांडी, बुंडू एसडीपीओ रतिभान सिंह को इसकी सूचना दी और दोनों अधिकारी यहां पहुंचे और फिर करीब साढ़े नौ बजे मंदिर का ताला तोड़ा जिसके बाद फिर से पूजा अर्चना शुरू हुई. इस घटना को लेकर तनाव का माहौल बन गया. इधर, तमाड़ थाना प्रभारी रोशन कुमार ने बताया पांच दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. जल्द इन पर कार्रवाई होगी. वहीं, बुंडू एसडीपीओ रतिभान सिंह ने कहा कि तालाबंदी का जिन लोगों ने कृत्य किया है, उनकी पहचान हो गई है. उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
मंदिर सुंदरीकरण में आठ करोड़ होना है खर्च
मंदिर का सुंदरीकरण लगभग आठ करोड़ की लागत से होना है. लेकिन इसे भी पूर्व में रोक दिया गया है. देउड़ी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पदेन बुंडू के एसडीओ हैं. काम रोके जाने को लेकर संवेदक ने तमाड़ थाने में लिखित भी दिया था. हालांकि, उस मामले में भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
मंदिर का संचालन ग्रामीण करें
आदिवासी नेता पूर्ण चंद्र मुंडा, राधाकृष्ण मुंडा, उदारकांत मुंडा ने मंदिर परिसर में ही देउड़ी गांव के ग्रामीणों के साथ ग्रामसभा की. इसमें पुलिस पदाधिकारी भी शामिल हुए और ग्रामीणों को बार-बार समझाने का कोशिश की, लेकिन ग्रामीण समझने को कुछ तैयार नहीं थे. प्रशासन और ग्रामीणों के बीच नोक-झोक भी होती रही. ग्रामीण इस बात पर अड़े थे कि मंदिर का संचालन ग्रामीण करे, सरकार का ट्रस्ट नहीं. कहा जाता है कि पहले भी देउड़ी गांव ग्राम प्रधान सुमित्रा देवी ने मंदिर को लेकर हाईकोर्ट में मामला दायर किया था, जिसे हाई कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया था.
- पुलिस ने पांच लोगों पर दर्ज की प्राथमिकी
- घटना को लेकर आसपास इलाके में तनाव का माहौल
- आक्रोशित श्रद्धालु शुक्रवार को बुंडू-तमाड़ रखेंगे बंद