रांची: राजधानी में राजभवन के पास धरने पर बैठे दिव्यांगजन गुरुवार को सीएम आवास का घेराव करने के लिए निकले. डॉ जाकिर हुसैन पार्क से निकलते ही पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद दिव्यांगजनों का एक प्रतिनिधि मंडल को सीएमओ ले जाया गया. जहां सीएम के अवर सचिव राम मूर्ति सिंह से उनकी वार्ता हुई. उन्होंने दिव्यांगजनों के प्रतिनिधि मंडल से कहा कि वे लोग धरना खत्म करें और लौट जाए. साथ ही कहा कि आपकी मांगों को सरकार के पास भेजा गया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. साथ ही उनसे कहा कि अगर वे अपना धरना समाप्त नहीं करते है तो पुलिस उन्हें बल पूर्वक हटाएगी. इसपर प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि पहले भी उनपर लाठियां बरसाई गई थी. आज फिर उन्हें बल पूर्वक हटाया जाता है तो वे तैयार है.
14 दिनों से बैठे है धरने पर
झारखंड में दिव्यांग जन अपने हक और अधिकार के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. राजभवन के पास दिव्यांग जन अपने विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड दिव्यांग आंदोलन संघ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं. धरना प्रदर्शन पर बैठे सुरेंद्र कुमार साहू ने बताया कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले दिव्यांगजनों के लिए जो वादे किए थे वह अब तक पूरे नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने मासिक पेंशन एक हजार से बढ़ाकर ढाई हजार रुपए करने की बात कही थी. लेकिन आजतक इस पर विचार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 28 दिनों तक राज्य के दिव्यांग जनों ने धरना दिया था, लेकिन उस वक्त भी सरकार ने आश्वासन देकर धरना खत्म करवा दिया था.
ये भी है मांग
- पिछले दो वर्षों से राज्य में नि:शक्तता आयुक्त के पद पर नियुक्ति नहीं हुई. जिससे न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा
- सरकारी नौकरी में खाली पड़े सभी पदों पर नियुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत
- अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों को हर सुविधा प्रदान करे
- महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग व पिछड़ा वर्ग आयोग की तर्ज पर दिव्यांग जनों के लिए भी आयोग का गठन किया जाए
- दूसरे राज्यों की तर्ज पर बसों में टिकट के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. कई राज्यों में दिव्यांगों को किराया नहीं लगता
ये भी पढ़ें: गौ तस्करों एवं हिंदूवादी संगठनों में तनातनी, थाने पहुंचा मामला