विवेक शर्मा

रांची : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में लगातार नए प्रयोग होते रहते है. ये प्रयोग अबतक मरीजों के इलाज के लिए होते थे. अब हॉस्पिटल में एक नया प्रयोग होने जा रहा है. जी हां, हॉस्पिटल से निकलने वाला गंदा पानी बर्बाद नहीं होगा. इसे ट्रीटमेंट प्लांट में प्रोसेस कर दोबारा से इस्तेमाल के लायक बनाया जा सकेगा. इसके लिए रिम्स कैंपस में अलग-अलग ब्लाक में चार जगहों पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की तैयारी है. इसके लिए जगह भी चिन्हित कर लिया गया है. इसके बाद हॉस्पिटल से निकलने वाले पानी को रीसाइकिल किया जा सकेगा.

3.02 करोड़ किए जाएंगे खर्च

हॉस्पिटल में लंबे समय से एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने को लेकर योजना बनाई जा रही थी. अब ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का रास्ता साफ हो गया है. जिसके लिए 3,02,13,631 रुपए खर्च किए जाएंगे. ये प्लांट हॉस्पिटल और लैब से निकलने वाले गंदे पानी को रीसाइकिल करेंगे. जिससे कि ये दोबारा इस्तेमाल के लायक हो जाएंगे. हालांकि ये पानी पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. ये पानी प्लांटेशन और सफाई के लिए यूज किया जा सकेगा.

पानी की नहीं होगी बर्बादी

हॉस्पिटल में हर दिन लाखों लीटर पानी की जरूरत पड़ती है. जहां पानी की सप्लाई हर दिन होती है. सप्लाई नहीं होने की स्थिति में प्रबंधन ने कैंपस में बोरिंग के इंतजाम किए है. अब ट्रीटमेंट प्लांट के लग जाने से पानी की बर्बादी नहीं होगी. वहीं ग्राउंड वाटर लेवल भी मेंटेन रहेगा. वहीं प्लांटेशन और हॉस्पिटल की सफाई के लिए अलग से पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी.

कहां-कहां बनना है प्लांट

  • बायोलॉजिकल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट 10 केएलडी रिम्स कैंपस : 90,13,332 रुपए
  • बायोलॉजिकल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट 15 केएलडी सुपरस्पेशियलिटी एंड डेटिस्ट्री कैंपस, रिम्स : 81,75,500
  • बायोलॉजिकल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट 10 केएलडी ट्रामा सेंटर कैंपस, रिम्स : 66,01,047 रुपए
  • बायोलॉजिकल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट 10 केएलडी ओंकोलॉजी कैंपस, रिम्स : 64,23,752 रुपए

 

 

 

 

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