रांची : राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर प्रबंधन रेस है. वहीं इलाज के लिए आने वाले मरीजों को दवाएं भी हॉस्पिटल से ही उपलब्ध कराने की तैयारी है. डायरेक्टर ने डॉक्टरों को जेनरिक दवाएं लिखने का आदेश दिया है. वहीं जेनरिक नहीं लिखने की स्थिति में उन्हें अमृत फार्मेसी में अवेलेवल ब्रांडेड दवाएं प्रेस्क्राइब करनी होगी. इतना ही नहीं ओपीडी की पर्ची पर ड्यूटी डॉक्टर को नाम और मुहर भी लगाना होगा. ऐसा नहीं करने की स्थिति में उन्हें अनएथिकल मेडिकल प्रैक्टिस की श्रेणी में रखा जायेगा. वहीं आदेशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि रिम्स में भर्ती मरीजों के समुचित इलाज की व्यवस्था के साथ एथिकल मेडिकल प्रैक्टिसेज सुनिश्चित करने के लिए डायरेक्टर डॉ राजकुमार ने यह कदम उठाया है.

अमृत में दवा पर भारी डिस्काउंट

रिम्स प्रबंधन ने अमृत फार्मेसी स्टोर की शुरुआत कैंपस में की है. इसके लिए एमओयू साइन किया गया है. जिसके तहत मरीजों को ब्रांडेड दवाएं भारी डिस्काउंट पर मिलेगी. वहीं इंप्लांट और इक्विपमेंट्स भी डिस्काउंट पर देना है. इसके बावजूद रिम्स के डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवाएं लिख रहे थे. लेकिन डायरेक्टर के आदेश के बाद डॉक्टरों को अमृत फार्मेसी में उपलब्ध ब्रांडेड दवाएं ही लिखनी होगी.

जन औषधि केंद्र भी कैंपस में

हॉस्पिटल प्रबंधन ने मरीजों को जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही भारतीय जन औषधि केंद्र भी खोला है. जिसका संचालन विंध्या मेडिको कर रही है. इस सेंटर में मरीजों को 500 के करीब जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है. बाजार से बेहद कम कीमतों पर ये दवाएं मरीजों को मिलने से उनकी जेब पर बोझ नहीं बढ़ रहा है.

ये भी दिया है निर्देश

रिम्स के स्टोर में उपलब्ध दवा से ही यथासंभव मरीजों का इलाज करना सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए विभागाध्यक्ष/इकाई प्रभारी स्टोर में आवश्यक दवाओं का स्टॉक रखने हेतु इंडेट 15 दिन पहले स्टोर को भेजें.

जिन मरीजों के एविडेंस बेस्ड दवा की उपलब्धता स्टोर में नहीं है उन्हें जेनेरिक दवा ही प्रेस्क्राइब करें.

यदि किसी मरीज़ को ब्रांडेड दवा प्रेस्क्राइब करनी हो तो अमृत फार्मेसी में उपलब्ध ब्रांडेड दवा ही लिखें.

डॉक्टर ओपीडी में मरीजों की पर्ची पर अपना नाम एवं मुहर लगाना सुनिश्चित करेंगे.

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