रांची : रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने गुरुवार को अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया. उनके साथ डीन डॉ विद्यापति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेन्द्र बिरुआ, उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी मौजूद थे. इस दौरान हॉस्पिटल में कई जगह अव्यवस्था का आलम देखने को मिला. कहीं पर मरीजों की बेड पर चादर नहीं थी तो कहीं लिफ्ट खराब मिली. उन्होंने रिम्स में डायनेमिक बेड मैनेजमेंट सिस्टम के तहत विभागों में मरीजों को बेड उपलब्ध कराने के लिए निदेशक ने मेडिसीन और स्किन विभाग का निरीक्षण किया. उन्होंने विभागों को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं ताकि इस सिस्टम को बेहतर ढंग से लागू कराया जा सके. स्किन विभाग में खाली पड़े बेड पर मेडिसीन की महिला मरीज़ों को स्किन विभाग में महिला मरीजों के साथ और मेडिसीन के पुरुष मरीज़ों को स्किन के पुरुष मरीज़ों के साथ वार्ड में रखने की व्यव्य्स्था की जाएगी. साथ ही वार्ड इंचार्ज सिस्टर को यहां तत्काल व्यवस्था करते हुए और नर्स प्रतिनियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं प्रयुक्त दवाओं का इंडेंट कराने के भी आदेश दिए हैं.
मेडिसीन विभाग के वार्ड के कई बेड पर चादर नहीं थी जिस सम्बन्ध में उन्होंने मेट्रन को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है. साथ ही उनको मरीजों के बेड पर चादर और साफ सफाई का ध्यान देने के भी आदेश दिए हैं. वार्ड में मरीज़ो के परिजनों की भीड़ देखते हुए निदेशक ने परिजनों से आग्रह किया है कि वह वार्ड में भीड़ न लगाए. अस्पताल परिसर में भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा की ट्रॉली, व्हील चेयर इत्यादि अव्यवस्थित तरीके से परिसर में रखे हुए है. इस सम्बन्ध में उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक व उपाधीक्षक को ट्राली, व्हील चेयर हेतु एक केंद्रीय स्थल बनाने के निर्देश दिए हैं.
डॉ राजकुमार ने बर्न वार्ड का भी निरीक्षण किया जहां की स्थिति देख कर उन्होंने चिंता व्यक्त किया. बर्न वार्ड में प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की कमी को देखते हुए उन्होंने बर्न वार्ड के इंचार्ज डॉ अजय कुमार को यहां की व्यवस्था को बेहतर करने का निर्देश दिया. साथ ही वार्ड में एसी दुरुस्त करने और साफ सफाई का खास ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं. निदेशक ने कैदी वार्ड का दौरा किया और कैदियों से भी वार्ड संबंधित जानकारी ली. इस वार्ड में बाथरूम में जलजमाव की समस्या को देखते हुए उन्होंने पीएचइडी के इंजीनियर को यथाशीघ्र ठीक करने के निर्देश दिए हैं.
अस्पताल के मुख्य भवन से होते हुए डॉ राजकुमार ऑन्कोलॉजी विभाग के निरीक्षण के लिए पहुंचे. ऑन्कोलॉजी विभाग की 2 लिफ्ट ख़राब होने की जानकारी विभाग में किसी को नहीं थी और न ही वहां कोई लिफ्टमैन मौजूद था. इस सम्बन्ध में निदेशक ने नाराजगी जताई और उचित कार्यवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही वार्ड में साफ सफाई की कमी देख कर उन्होंने चिंता जताई और इसे ठीक करने के आदेश दिए हैं. साथ ही उन्होंने मरीज़ो से उनका हालचाल लिया और मेट्रन को समय से वार्ड में निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं.
डॉ राजकुमार ने कॉटेज और पेइंग वार्ड का भी निरीक्षण किया. यहां जरूरत के हिसाब से मरम्मती कराने के निर्देश दिए हैं. कॉटेज और पेइंग वार्ड के जीर्णोद्धार के पश्चात यहां के शुल्क और सुविधाएं को बढ़ाये जाने के संबंध में निर्णय लेने पर जल्द चर्चा होगी. नेफ्रोप्लस के पास के खाली पेइंग वार्ड के कमरों को उन्होंने डॉक्टर ड्यूटी रूम बनाने के निर्देश दिए हैं. निदेशक ने मल्टी स्टोरी पार्किंग का भी निरीक्षण किया. यहां के बेसमेंट को जंक यार्ड के तौर पर शुरू कर दिया गया है और निंदित वस्तुओं को यहां रखने के आदेश दिए हैं.
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