भदोही : लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. इस बीच उत्तर प्रदेश के भदोही से तृणमूल कांग्रेस ने ललितेश पति त्रिपाठी को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के परपोते ललितेश पति त्रिपाठी को अखिलेश यादव का समर्थन मिल गया है. दरअसल, भदोही लोकसभा सीट पूर्वांचल की महत्वपूर्ण सीटों में से एक गिनी जाती है.
वाराणसी के निकट होने के कारण इस सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी प्रभाव माना जाता है. पीएम मोदी वाराणसी से एक बार फिर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी अब भदोही लोकसभा सीट पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार के जरिए सीधे पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देती दिख रही हैं. सबसे बड़ी बात है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भदोही सीट तृणमूल कांग्रेस को गठबंधन के तहत दे दी. इसके बाद टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने ललितेश पति त्रिपाठी को यहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया. भदोही को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है. ऐसे में तृणमूल को यह सीट दिए जाने पर राजनीतिक चर्चा का बाजार गरमा गया.
समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे सपा नेताओं को भी इससे झटका लगा है. भदोही लोकसभा सीट में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं. इसमें भदोही जिले की ज्ञानपुर, भदोही और औराई सीट है. वहीं, प्रयागराज की प्रतापपुर और हंडिया विधानसभा सीट भी इस लोकसभा सीट का हिस्सा हैं.
बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परपोते ललितेश पति त्रिपाठी कांग्रेस से मिर्जापुर की मड़िहान विधानसभा सीट से एमएलए रह चुके हैं. ललितेश के नाम की घोषणा के बाद अब सबकी नजरें भाजपा की ओर से घोषित होने वाले उम्मीदवार के नाम पर टिक गई है.
वहीं, समाजवादी पार्टी ललितेश पति त्रिपाठी को जीत दिलाने में भूमिका निभाने की बात करने लगी है. सपा के भदोही जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व ने निर्णय लिया है. हम सभी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे.