गिरिडीह. झारखंड के गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड अंतर्गत नक्सल प्रभावित गांव हथगढ़ डायरिया महामारी की चपेट में है. 24 से अधिक लोग डायरिया से ग्रस्त हैं, जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. बताया जाता है यह डायरिया महामारी नदी के गंदे पानी पीने की वजह से फैली है. क्योंकि यहां पर गांव वालों के लिए पानी पीने का कोई उचित व्यवस्था सरकार के द्वारा नहीं किया गया है. उग्रवाद प्रभावित गुनियाथर पंचायत के हथगड़ गांव में डायरिया मारामारी ने पांव पसार लिया है. वर्तमान समय मे गांव के दो दर्जन से अधिक लोग डायरिया से पीड़ित हैं. डायरिया से पीड़ित कई लोग अस्पताल में इलाजरत है.
बताया जाता है कि हथागढ़ गांव में डायरिया से पीड़ित तीन लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है. ऐसे पीड़ितों में बसिया देवी (50 वर्ष) प्रीतम राय (12 वर्ष) बदरी राय 35 वर्ष शामिल हैं. इन लोगों का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवरी में करवाया गया है. अन्य पीड़ित का उपचार निजी स्तर पर करवाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक डायरिया से पीड़ित सुखदेव पंडित का उपचार धनबाद में करवाया जा रहा हैं. वहीं दुखी राय 50 वर्ष, संगीता देवी 22 वर्ष, राधे साव 55 वर्ष, लखन साव 28 वर्ष, भुनेश्वरी देवी 65 वर्ष का उपचार गिरीडीह स्थित एक निजी चिकित्सा केंद्र पर चल रहा हैं.
इनका भी इलाज जारी
साथ ही किशुन साव 19 वर्ष, सातो राय 29 वर्ष, काजल कुमारी 14 वर्ष, बदरी राय 50 वर्ष का उपचार चतरो स्थिति चिकित्सा केंद्र पर चल रहा है. प्रमीला देवी 40 वर्ष, मुरारी राय 15 वर्ष, नेपाली राय 40 वर्ष, बासदेव राय 20 वर्ष, अंश कुमार 5 वर्ष, सूरज कुमार 5 वर्ष का उपचार घर से करवाया जा रहा है. वहीं विनोद साव 6 वर्ष का उपचार बेलाटांड़ में वे सोनिका देवी 20 वर्ष का उपचार जमुआ में करवाया जा रहा है. इन पीड़ितों में धनबाद ने इलाजरत सुखदेव पंडित, गिरीडीह ने इलाजरत संगीता देवी व देवरी सीएचसी में इलाजरत बसिया देवी की स्थिति गंभीर बनी है. गांव के लोगों ने बताया कि नदी का दूषित पानी पीने से ही डायरिया फैला है. आजादी के इतने वर्ष बाद भी हथगढ़ समेत आस पास के कई गावों में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
बीजेपी ने की ये मांग
इधर बीजेपी जिला महामंत्री सुभाषचंद्र सिन्हा ने हथगड़ गांव में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर डायरिया से पीड़ित लोगों का समुचित इलाज करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार सभी मोर्चे पर विफल है. आज भी लोग नदी नाला का दूषित पानी पीने को विवश हैं. इससे सरकार की विफलता प्रमाणित होती है.