नई दिल्ली: पेरिस पैरालंपिक में भारत ने अपने स्वर्ण पदक की संख्या में और इजाफा किया है. धरमबीर ने पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 स्पर्धा में एशियाई रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया, वहीं प्रणव सूरमा ने रजत पदक हासिल किया. इससे पहले तीरंदाजी में हरविंदर सिंह ने पुरुष रिकर्व के फाइनल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था.
धरमबीर का 34.92 मीटर का थ्रो बना स्वर्णिम 2022 एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता धरमबीर ने अपने पांचवें प्रयास में 34.92 मीटर का थ्रो किया, जिससे उन्हें स्वर्ण पदक मिला. उनका अंतिम थ्रो 31.59 मीटर था. इससे पहले 2016 और 2020 पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाले धरमबीर हरियाणा के सोनीपत से हैं और 2012 में हुए एक हादसे में उन्हें लकवा मार गया था. उन्होंने 2014 से क्लब थ्रो खेलना शुरू किया था.
प्रणव सूरमा ने जीता रजत पदक प्रणव सूरमा, जिन्होंने हांग्जो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था, ने 34.59 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करते हुए रजत पदक जीता. 16 साल की उम्र में लकवाग्रस्त हुए प्रणव फरीदाबाद के रहने वाले हैं और पेशे से बैंकर हैं. कांस्य पदक मौजूदा विश्व चैंपियन जेल्को दिमित्रिजेविक के नाम रहा, जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 34.18 मीटर था.
तीरंदाजी में ऐतिहासिक गोल्ड भारत के तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पैरालंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुष रिकर्व फाइनल में पोलैंड के लुकास सिसजेक को 6-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता. यह तीरंदाजी में भारत का पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक है और हरविंदर का पैरालंपिक में दूसरा पदक, जो उनके 2020 के कांस्य पदक के बाद आया है. अब तक पेरिस पैरालंपिक में भारत ने 24 पदक जीते हैं, जिनमें 5 स्वर्ण, 9 रजत और 10 कांस्य शामिल हैं.