JoharLive Team

धनबाद। जिले के धर्माबांध ओपी अंतर्गत बीसीसीएल के एरिया तीन के तेतुलिया क्षेत्र में तेतुलिया बाउरी पट्टी के समीप अचानक भू-धंसान होने से कई घर जमींदोज हो गये। घटना के बाद क्षेत्रीय लाेगों में दशहत है। घटना से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
बताया गया है कि भू-धंसान से भारत कोकिंग लिमिटेड (बीसीसीएल) के कई कर्मचारियों के घर जमीन में 10 फीट नीचे तक धंस गयेे हैंं। घटना के समय वहां कोई नहीं था, अन्यथा कोई बड़ी घटना हो सकती थी। बताया गया कि भू-धंसान का सिलसिला सुबह से चल रहा था। इस घटना के बाद आसपास के घरों के लोगों में दहशत फैल गयी है। घटना के बाद आनन-फानन में कोलकर्मियों ने बाउरी टोला से अपने परिवारों को पूर्व में आवंटित कोलमुरना स्थित कंपनी के आवास में शिफ्ट कर गया।
बताया गया है कि बीसीसीएल प्रबंधन ने पहले में ही इस इलाके को डेंजर जोन के रूप में चिन्हित कर लोगों को वहां से हटने के निर्देश दे चुका है।

न जाने कब किस जगह की जमीन पाताल निगल ले। न जाने कहां से गैस निकलने लगे…। कौन सी कॉलोनी में गोफ बन जाए। न जाने कब जिंदगी मौत में बदल जाए। जी हां, इस डर और अनिश्चितता के बीच धनबाद के 250 से अधिक इलाकों के लोग हर पल अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। ये वो इलाके हैं, जिन्हें अग्नि और भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र होने के कारण डेंजर जोन घोषित किया गया है। मास्टर प्लान के अनुसार इन डेंजर जोन में रहने वाले लोगों की संख्या 1.04 लाख है। झरिया मास्टर प्लान के तहत इस आबादी को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर बसना है। पर 10 वर्षों में मात्र 3000 परिवार को ही सुरक्षित स्थान पर बसाया जा सका। 1.01 लाख आबादी को आज भी पुनर्वास का इंतजार है। इधर, हैरान और परेशान करने वाली बात यह है कि अग्नि और भू-धंसान का दायरा कोलियरी क्षेत्रों को पार कर शहरी क्षेत्रों तक पहुंच गया है। मटकुरिया के घुरनीजुरिया में गोफ बनने की घटना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मटकुरिया में बना गोफ झरिया और निरसा के बाद जिला में घटित भू-धंसान की तीसरी घटना है।

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