Joharlive Team

धनबाद। राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर राज्य सरकार चिंतित है। इस महामारी की रोकथाम के लिए लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली तबलीगी जमात में कोरोना मामलों का खुलासा होने के बाद पूरे देश में हड़कंप मचा है। इस जमात में देश विदेश से लोग शामिल हुए थे जिसकी वजह से देश में कोरोना के मरीजों की एकएक वृद्धि हो गई। इसको लेकर देश के विविध भागों में ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है। कई जगह विदेशी लोगों की धर पकड़ गई है। सरकार की ऐसे धर्म प्रचारकों पर नजर है जो जमात में शामिल हुए थे। देश के कई भागों में देशी व विदेशी धर्म प्रचारकों को पकड़ा भी गया है। धनबाद जिले में भी 10 इंडोनेशिया नागरिकों को पकड़ा गया।

धनबाद पुलिस ने इन्हें क्वारंटाइन में जांच के लिए रखा है। हांलांकि धनबाद पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कर रही है।

क्वारंटाइन में भेजे गये सभी इंडोनेशियाई नागरीक गोविंदपुर के मंस्जिद में छुपकर रह रहे थे।

गोविंदपुर थाना में यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के ठाणे से आए दो गाइड व आसनबनी मस्जिद के सदर और सचिव को भी आरोपी बनाया गया है।

इन सभी के खिलाफ लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने व महामारी अधिनियम एक्ट भी लगाया गया है। आईएसएम क्वारंटाइन में 10 इंडोनेशिया नागरिकों व महाराष्ट्र के दोनों गाइड को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद सभी आरोपियों को न्यायालय में उपस्थित किया जाएगा। गोविंदपुर थाना के प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर मुनेश तिवारी की शिकायत पर इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आसनबनी मस्जिद के सदर गुलाम मुस्तफा और सचिव शौकत अंसारी ने इंडोनेशिया नागरिकों की सूचना पुलिस को नही दी थी।जबकि ये सभी मस्जिद में पनाह ले रखे थे। इन्होंने पुलिस के समक्ष कोई दस्तावेज नही प्रस्तुत किया। लॉकडाउन के बावजूद जमात में धर्म प्रचार किया गया।

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