बोकारो : बोकारो के जारंगडीह खुली खदान में स्थानीय पुलिस ने जब दबिश दी तो कोयला तस्कारों के होश उड़ गये. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो लोगों को मोटरसाइकिल सहित गिरफ्तार किया है. वहीं, बोकारो समीक्षा बैठक में गए डीजीपी ने कोयला तस्करी के सबूत की मांग की है. बता दें कि समीक्षा बैठक में बोकारो पहुंचे डीजीपी ने कोयला चोरी पर सवाल पूछने पर सबूत की मांग की. उन्होंने कहा है कि अगर रैक लोडिंग के जरिये चोरी हो रही है तो सबूत दीजिये. बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र में सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र के जारंगडीह कांटा घर का यह नजारा देखिए, जहां खुलेआम कोयले की चोरी हो रही है और राजस्व को चूना लगाया जा रहा है.
मैन पावर का रोना रो रही पुलिस
इधर, स्थानीय सीसीएल के सुरक्षा प्रभारी उमेश प्रसाद का कहना है कि उनके पास बल की कमी है, जिस वजह से चोरी पर लगाम लगाना एक बड़ी चुनौती है. मतलब साफ है कि एक ओर स्थानीय थाना तथा कोयला की सुरक्षा में तैनात सीसीएल सुरक्षा विभाग की टीम मूकदर्शक बनी रहती है. वहीं, दूसरी तरफ डीजीपी साहब को चोरी का सबूत चाहिये. वहीं अवैध कोयला ढुलाई को लेकर खान प्रबंधक गोबिंद नायक के प्रयास से दो कोयला चोरों को गिरफ्तार किया गया है. उनका कहना है कि पुलिस चाहे तो एक दिन में कोयले की चोरी रूक जाये, लेकिन पुलिस बल की कमी है. हमलोग अगर विरोध करते हैं तो कोयला चोर हमलोगों से हाथापाई करने पर उतारू हो जाते हैं.
ऐसे में कैसे लगे कोयला चोरी पर लगाम
बहरहाल, यह सच है कि पुलिस की छोटी छोटी कार्रवाई करने से कोयला तस्करों पर लगाम नहीं लग सकेगा. वहीं इस मामले में बोकारो समीक्षा बैठक में आये डीजीपी से खुलेआम हो रही कोयला माफियाओं के द्वारा कोयला की चोरी के संबंध पूछने पर पत्रकार को जो जवाब मिला है वह दुखद है. अब आप इसी से अंदाजा लगा सकते है की कितना सुरक्षित है झारखंड सरकार को राजस्व देने वाला कोयला एवं बालू. चोरी की इतनी घटनाएं हो रही हैं तब भी कोई कार्रवाई नहीं होती, क्योंकि राज्य के डीजीपी को सबूत चाहिये.