जोहार ब्रेकिंग

डेक्सामेथासोन कोरोना वायरस का इलाज नहीं है : डब्ल्यूएचओ

Joharlive Desk

जिनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्पष्ट किया है कि डेक्सामेथासोन कोविड-19 का इलाज या बचाव नहीं है और इसका इस्तेमाल डॉक्टरों की निगरानी में सिर्फ बेहद गंभीर मरीजों पर किया जाना चाहिये जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।

डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रेयान ने कोविड-19 पर नियमित प्रेसवार्ता के दौरान बुधवार को कहा “डेक्सामेथासोन अपने-आप में वायरस का उपचार नहीं है। यह उसका बचाव भी नहीं है। सच्चाई तो यह है कि ज्यादा पावर वाले स्टेरॉइड मानव शरीर में वायरस की संख्या तेजी से बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि यह दवा सिर्फ बेहद गंभीर मरीजों को दी जाये जिनको इससे स्पष्ट रूप से लाभ हो रहा है।”

डेक्सामेथासोन इनफ्लेमेशन की जानी-मानी दवा है। ब्रिटेन में एक रिकवरी ट्रायल के दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों को यह दवा देने से मृत्यु दर काफी कम हो जाती है हालाँकि हल्के लक्षणों वाले मरीजों को इस दवा से कोई लाभ नहीं होता।

गंभीर मरीजों पर इस दवा के काम करने के तरीके के बारे में बताते हुये डॉ. रेयान ने कहा कि अधिक पावर की इनफ्लेमेशन की दवा होने के कारण यह उन गंभीर मरीजों की जान बचा सकती है जिनके फेफड़े में इनफ्लेमेशन है और जिन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है। संभवत: यह दवा देने से बीमारी बेहद महत्त्वपूर्ण चरण में मरीज के फेफड़े का इनफ्लेमेशन कम हो जाता है और उनके रक्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रहती है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने परीक्षण के परिणामों पर प्रसन्नता जाहिर करते हुये कहा “शुरुआती नतीजों के अनुसार, जिन मरीजों को सिर्फ ऑक्सीजन पर रखा गया है उनकी मृत्यु दर 80 फीसदी और जिन्हें वेेंटीलेटर पर रखा गया है उनकी मृत्यु दर दो-तिहाई कम करने में डेक्सामेथासोन कारगर रहा है। हालाँकि हल्के लक्षण वाले मरीजों पर इसका कोई लाभ नहीं देखा गया है। यह दवा डॉक्टरों की निगरानी में ही दी जानी चाहिये।”

डॉ. रेयान ने कहा कि हमें इस तरह की और सफलताओं की जरूरत है। यह महज शुरुआती आँकड़े हैं और सिर्फ एक अध्ययन में सामने आये हैं। हमें उपचार प्रक्रियाओं में बदलाव की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिये। उससे पहले चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण देना होगा, इसकी खुराक के समझना होगा और यह समझना होगा कि इस दवा के इस्तेमाल के लिए मरीजों के चयन के मानक क्या होंगे।

Recent Posts

  • झारखंड

Breaking मंजूनाथ भजंत्री बने रांची के नए उपायुक्त, वरुण रंजन को मिली JIIDCO एमडी की जिम्मेदारी

रांची: झारखंड में सरकार गठन होने के बाद ही राजधानी के उपायुक्त की नई जिम्मेदारी…

11 hours ago
  • देश

प्रधानमंत्री मोदी को जान से मारने की धमकी, महिला गिरफ्तार

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुंबई…

12 hours ago
  • झारखंड

कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन को चौथे कार्यकाल के लिए बधाई दी

रांची: कल्पना सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके चौथे कार्यकाल के लिए…

13 hours ago
  • राजनीति

हमारा सिटी अब नाम से नही बल्कि मैट्रो सिटी के नाम से जाना जाएगा: जीतन राम मांझी

पटना: गया में जल्द ही मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है. केंद्रीय मंत्री और…

13 hours ago
  • झारखंड

JSSC शिक्षक नियुक्ति याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट की सुनवाई 17 दिसंबर को

रांची: झारखंड हाईकोर्ट में 2016 की हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति से जुड़ी याचिकाओं पर अब 17…

13 hours ago
  • झारखंड

हेमंत सोरेन ने चौथी बार ली झारखंड के सीएम पद की शपथ

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की…

14 hours ago

This website uses cookies.