उत्तरकाशी : मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. कड़ाके की ठंड पर आस्था भारी पड़ी और हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा भागीरथी में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया. ढोल-नगाड़ों की आवाज और मां गंगा के जयकारों से पूरी काशी नगरी गुंजायमान हो रही है. उत्तरकाशी के पौराणिक मणिकर्णिका घाट, केदार घाट, लक्षेश्वर, शंकर मठ, नाकुरी, देवीधार, गंगोरी अस्सी गंगा तट सहित आदि स्नान घाटों पर तड़के चार बजे ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी. स्नान पर्व पर बाडाहाट क्षेत्र के आराध्य कंडार देवता, बाडागड्डी क्षेत्र के आराध्य हरिमहाराज, खंडद्धारी माता, कैलापीर, नाग देवता, घंडियाल देवता, बाल कंडार, नागणी देवी, रनाड़ी के कचडू देवता, डुंडा की रिंगाली देवी, सहित धनारी क्षेत्र नागराजा, त्रिपुरा माता, चंदणनाग, राजराजेश्वारी आदि दर्जनों देवी-देवताओं की डोलियां, ढोल, निशान आदि के साथ हजारों श्रद्धालु उत्तरकाशी पहुंचे और गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. यमुनोत्री हाईवे से लगे पौराणिक स्थल गंगा यमुना और केदार गंगा के संगम तट गंगनानी कुंड में भी सुबह से दूर दराज पहुंचे श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई
वहीं हरिद्वार में रविवार को मकर संक्रांति स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. सुबह से ही स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम जारी हो गया था. स्नान के बाद दान पुण्य का कार्य किया. स्नान के बाद दान पुण्य का कार्य किया. सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह पुलिसकर्मी मुस्तैद रहे. 1200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी स्नान पर्व में लगाई गई है.
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