Joharlive Team
रांची। आज महापर्व छठ का समापन है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिन लंबे इस त्योहार का समापन हो गया।
हालांकि कोराना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के कारण इस बार बहुत कम व्रतियों ने तालाब, नदी और पोखर में जाकर उगते हुए सूर्य अर्घ्य दिया। अर्घ्य देने के लिए व्रतियों ने अपने-अपने घरों में ही व्यवस्था की थी। किसी ने टब तो किसी ने घर के अंदर ही बनाए गए अस्थायी छोटे कुंड में खड़ा होकर भगवान भास्कर की पूजा की।
पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ राजधानी रांची सहित राज्यभर में मनाया जा रहा हैं। हालांकि पूर्व की भांति इस वर्ष त्यौहार में वह रौनक नहीं दिख रहा है। क्योंकि लॉक डाउन और निषेधाज्ञा के कारण बाजार बंद रहने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पूजन सामग्री जुटाने में काफी मशक्कत हुई। बाबजूद इसके लॉक डाउन पर आस्था भारी पड़ी और व्रतियों ने पूरे विधि विधान के छठ मइया और सूर्य भगवान का पूजन अर्चन किया। सर्वाधिक परेशानी व्रतियों को पूजन हेतु पकवान बनाने में हुई। क्योंकि बंदी के कारण आटा चक्की मिल बंद रहे। लेकिन व्रतियों ने उसका भी तोड़ निकाल लिया और जिनके घरों में जांता (चक्की) थी उन्होंने उसी में गेहूं पीस कर पूजन हेतु पकवान बनाने का आटा तैयार कर लिया।