रांची : राज्य के ग्रामीण और सुदूर जनजातीय क्षेत्रों में सड़क परिवहन और आवागमन व्यवस्था को बेहतर बनाने पर सरकार का विशेष जोर है. इस कड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों को प्रखंड , अनुमंडल और जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरू किया जाना है. ताकि, दूर दराज के गांव में रहने वाले लोगों को सुलभ परिवहन व्यवस्था उपलब्ध हो सके. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मंगलवार को इस योजना को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करते हुए कई अहम निर्देश दिए.
रूट निर्धारण में सार्वजनिक उपयोगिता वाले स्थलों का विशेष ध्यान रखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के रूट निर्धारण में सार्वजनिक उपयोगिता वाले स्थलों का विशेष ध्यान रखें. इस योजना के तहत बसों के संचालन के लिए इस तरह रूट निर्धारित करें कि अस्पताल, विद्यालय, महाविद्यालय, साप्ताहिक हाट औऱ स्थानीय बाजार और रेलवे स्टेशन अवस्थित हों. इससे ग्रामीणों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी और इस योजना की उपयोगिता बनी रहेगी.
बसों का लोकेशन ग्रामीणों को नियमित रूप से मिलता रहे , एप्प तैयार करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों को इस योजना के तहत संचालित बसों की जानकारी लगातार मिलती रहे, इसके लिए एक एप्प तैयार करें. इस एप्प में ऐसी व्यवस्था हो कि लोगों को यह पता चल सके की बस कब खुलेगी. बस कहां पहुंची है और कब तक उनके गंतव्य पर पहुंच जाएगी. इससे ग्रामीणों को सूचना के अभाव में बसों के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
सिटीजन मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना की उपयोगिता बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि इस योजना के तहत संचालित बसों के सिटीजन मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था हो, ताकि कोई भी वाहन संचालक इसका नाज़ायज़ लाभ नहीं ले सके.
क्या है मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना
-इस योजना का पहला चरण में 250 बसों को संचालित करने की योजना है.
-इस योजना के तहत सभी वरिष्ठ नागरिक, विद्यालय और महाविद्यालय के विद्यार्थी, दिव्यांग, एचआईवी पॉजिटिव, विधवा और झारखंड आंदोलनकारी को बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा होगी.
-इस योजना के तहत निर्धारित रूटों पर बस संचालित करने वाले बस संचालकों को वाहन खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी.इसके अलावा परमिट और फिटनेस शुल्क माफ कर दिया जाएगा.
मंत्री समेत कई अधिकारी मौजूद थे
बैठक में परिवहन मंत्री चम्पाई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे परिवहन विभाग के सचिव कृपानंद झा और संयुक्त परिवहन आयुक्त प्रदीप कुमार मौजूद थे.