बोकारो : बोकारो के पेटरवार थाना में पुलिस की हिरासत में युवक की मौत का मामला गंभीर होता जा रहा है. इस मामले में अब उपायुक्त ने जांच के आदेश दिए है. वहीं एक टीम का गठन किया गया है. बता दें कि एक नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में वह आरोपी था. पेटरवार पुलिस उसे घर से उठाकर तीन दिन पहले थाना लायी थी. इस दौरान थाने में उसकी संदिग्ध तरीके से मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि शौचालय में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जबकि परिजनों का कहना है कि पुलिस ने मार डाला. बोकारो उपायुक्त ने इसके लिए दंडाधिकारियों की एक जांच टीम गठित कर दी है. इस जांच टीम में बोकारो के अपर समाहर्ता और बेरमो के एसडीएम शामिल हैं. इस कमेटी की फाइंडिंग पर प्रशासन घटना के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ एक्शन लेगा. इस दौरान पीड़ित परिवार के लिए मुआवजा आदि पर भी प्रशासन विचार कर रहा है.
वार्ता के बाद माने परिजन
बोकारो जिला के पेटरवार थाना मे पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत ने पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. मृतक के परिजनों द्वारा पुलिस पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि तीन दिनों से लगातार प्रताड़ित करके उसे मौत की घाट उतार दिया गया. इधर पुलिस वालों का कहना है कि आरोपी ज्ञान कमार ने थाना हाजत के शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घायल अवस्था में ज्ञान कुमार को पेटरवार सीएचसी ले जाया गया जहां गंभीर हालत को देखते हुए उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां मृत घोषित कर दिया गया. देर रात में ही विशेष रूप से मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया और शव को मर्चरी में रख दिया गया है.
नाबालिग के अपहरण का मामला
मामला एक 9 वर्षीय बच्ची का अपहरण का था. थाना क्षेत्र के अंगवाली की रहने वाली एक 9 वर्षीय बच्ची के अपहरण को लेकर युवक ज्ञान कमार पर शक था. इसी मामले में ज्ञान कुमार को 3 दिन पहले पुलिस उसके घर से उठा लाई थी. बच्ची का शव अंगवाली स्थित तेनु नहर से बरामद किया गया था. कल शव मिलने के बाद पुलिस ने उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी और इसी बीच उसकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. पुलिस ने उसे फांसी लगाकर आत्महत्या करने की बात कही है जबकि परिजनों ने पुलिस प्रताड़ना का मामला बताया है. हिरासत में मौत के मामले के बाद गोमिया विधायक डॉ लम्बोदर महतो, बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल, बेरमो एसडीपीओ विशिष्ठ नारायण सिंह, एसडीएम अशोक कुमार परिजनों से वार्ता कर उन्हे उचित न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. परिजनों की मांग थी कि मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी, 10 लाख रुपए मुआवजा राशि, बच्चों के उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जाय. लेकिन काफी मशक्कत के बाद मृतक के परिजनों के साथ प्रशासन वार्ता करने में सफल रही. प्रशासन के द्वारा मृतक के आश्रित को 1 लाख रूपए तत्काल दिया गया. वही वार्ता में शामिल हुए गोमिया विधायक डॉ लम्बोदर महतो ने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की और मृतक के आश्रित को नियोजन और बच्चो को शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस हिरासत में जो मृत्यु हुई है उसकी निष्पक्ष जांच टीम गठित कर की जाए जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएं उनपर कार्रवाई की जाएं.
एसडीएम अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत की सूचना बोकारो उपायुक्त को दी गई थी उनके निर्देश पर जांच की जा रही है. मृतक के परिजनों के मांग को बोकारो उपायुक्त को दिया जाएगा जो भी सरकारी प्रावधान है उसके तहत आश्रित को लाभ दिया जाएगा. साथ ही जांच के दौरान अगर कोई दोषी तो उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.