धनबाद: झमाड़ा के मृत कर्मियों के दर्जनों आश्रित करीब 30 महीने से झमाड़ा कार्यालय समक्ष धरना दे रहे हैं. मृत कर्मियों के आश्रित को ना तो मुआवजा दिया गया ना ही नियोजन दिया गया जिससे इनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है. आश्रित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से लगातार अपनी मांगो को लेकर गुहार लगा रहे है. लेकिन इन्हें आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है. इनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब होने से अब ये लोग भीख मांगने को मजबूर हो गए हैं. आज इन लोगों ने शहर में घूम-घूम कर भिक्षाटन किया साथ ही जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इस हालात से अवगत कराने की कोशिश भी किया.
भिक्षाटन कर रहे आश्रित मो. जहीर खान ने बताया की हमलोग मुवावजा और नियोजन की मांग को लेकर लगातार 30 महीने से धरना पर बैठे है. इस दौरान हमलोग ने कई जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से मिल कर अपनी मांग रखा लेकिन सभी ने सिर्फ आश्वासन दिया और हमारी मांगे पूरी नहीं हुई. अब हमलोग की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है. घर में किसी के बीमार होने पर ना तो इलाज करवा पा रहे है न तो बच्चे को पढ़ाई करवा रहे हैं. खाने के लाले पड़ गए हैं और अब हम लोग को सड़क पर भीख मांगने को मजबूर है. उन्होंने कहा की रविवार को झामुमो के जामा विधायक सीता सोरेन पहुंची थी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात कर समस्या का समाधान का आश्वासन दिया है. लेकिन आश्वासन तो दो साल से मिल रहा है लेकिन हमारी मांगे पूरी नहीं हो रही है.
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