देवघर: चुनाव आयोग के आदेश के बाद भी देवघर एसपी को नहीं हटाए जाने के मामले में अब राजनीति गरमाने लगी है. शनिवार को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जहां चुनाव आयोग के आदेश का पालन नहीं हो रहा है. पांच दिन पहले चुनाव आयोग ने देवघर एसपी को हटाने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक (प्रेसवार्ता तक) देवघर एसपी अपने पद पर बने हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड राज्य संवैधानिक तौर पर नहीं चलता क्योंकि यहां के मुख्यमंत्री मूर्ख हैं. राज्य के हालात गृह युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं. हेमंत सोरेन एंटी शेड्यूल कास्ट और एंटी शेड्यूल ट्राइब हैं. खुद को जेल जाने से बचाने के लिए अधिकारियों से फाइलों की उलट फेर करा रहे हैं. चुनाव आयोग से आग्रह है कि इस मामले में एक्शन लें और आयोग की गरिमा को बरकरार रखे. निशिकांत दुबे ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि ऐसे अधिकारियों को निलंबित कर बर्खास्त किया जाए. नहीं तो आम जनता को चुनाव आयोग से विश्वास उठ जाएगा. क्योंकि जब चुनाव आयोग के आदेश का उलंघन्न हो रहा तो राज्य में फ्री एंड फेयर इलेक्शन कैसे होगा. राज्य सरकार अबतक इस मामले में नए देवघर एसपी का नाम तक फाइनल नहीं कर पाई है. इसका मतलब यही है कि झारखंड में कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं है. देवघर एसपी को हटाने के आदेश के बाद आरोप लगाया जा रहा है कि राज्य में एससी, एसटी के अधिकारीयों को निशाना बनाया गया है. मेरा मुख्यमंत्री से सवाल है कि सुखदेव सिंह जो मुख्य सचिव थे, वो शेड्यूल कास्ट थे, उन्हें किसने हटाया था. यूपीएससी से दो साल के लिए अजय कुमार सिंह डीजीपी बनाये गए थे, जो एससी थे, जिन्हें हटाकर अनुराग गुप्ता को डीजीपी बना दिया गया था.

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