Joharlive Team
देवघर। उपायुक्त नैन्सी सहाय की अध्यक्षता में बाल संरक्षण समिति सह चाईल्ड लाईन एडवाजरी बोर्ड की बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गयी। इस दौरान जिला स्तर पर किये जा रहे कार्यों के साथ बाल संरक्षण से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं की समीक्षा कर उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य है कि संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि बच्चों की सही तरीके से देखभाल व सुरक्षा मुहैया करायी जा सके।
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने जानकारी दी कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत चाईल्ड लाईन इंडिया फाउंडेशन चलाया जा रहा है, जिसका हेल्प लाईन नम्बर 1089 है। बच्चों से संबंधित किसी प्रकार की सहायता हेतु इस नम्बर पर काॅल सहायता प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावे उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे राष्ट्र की शक्ति व संपत्ति हैं। इनकी समुचित देखभाल, विकास व सुरक्षा हमारा कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण से जुड़े अधिकारी एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्य आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें, ताकि जिला स्तर पर बाल विवाह, गुमशुदा बच्चे, शोषित बच्चे, घर से भागे हुए बच्चे की देखभाल और सुरक्षा बेहतर तरीके से की जा सके। इसके अलावा उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कड़े शब्दों में निदेशित किया कि बाल विवाह, बाल मजदूरी और गुमशुदा बच्चों से जुड़े मुद्दों की अनदेखी न करते हुए त्वरित कार्रवाई की जाय। साथ हीं उपायुक्त ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह, बाल श्रम, बच्चों की तस्करी आदि से संबंधित सूचना जिला प्रशासन को दें, ताकि ऐसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। साथ हीं सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान भी गुप्त रखी जायेगी।
- प्रखण्डों को चिन्हित कर व्यापक स्तर पर करें जागरूकता कार्यक्रम का आयोजनः उपायुक्त
इसके अलावे समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने चाईल्ड लाईन के सदस्यों को निदेशित किया कि वैसे प्रखण्ड जहां अभी भी बाल विवाह से संबंधित मामले बहुतायात संख्या में देखने को मिल रहे हैं, उन प्रखण्डों को चिन्हित कर वहां पर व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाया जाय, ताकि अधिक से अधिक लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जा सके। साथ हीं बाल विवाह पर रोकथाम को लेकर लोगों को प्रेरित करें एवं उनसे आग्रह करें कि वे अपने आस-पास किसी और को भी ऐसा करने न दें व इस प्रकार के मामले की सूचना अविलंब अपने नजदीकी थाना अथवा जिला प्रशासन को दें, ताकि ससमय आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
साथ हीं उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारियों को निदेशित किया कि प्रखण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति को पूर्ण रूप से सक्रिय करें। साथ हीं हर संभव सहयोग करते हुए बच्चों से जुड़े मामलों में संवेदनशील होकर कार्य करें। बैठक के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि उप विकास आयुक्त कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी है। ऐसे में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान हेतु उनसे सम्पर्क कर सकते है।
बैठक के दौरान उपायुक्त नैन्सी सहाय ने जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार को निदेशित किया कि चाईल्ड प्रोटेक्शन एक्ट के अधिनियमों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु बैनर-पोस्टर, पम्पलेट के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में एलईडी व नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास करें। साथ हीं उन्होंने कहा कि वृहत्त स्तर पर प्रचार-प्रसार के माध्यम से भी लोगों में जागरूकता लायी जा सकती है।
- जमीनी स्तर पर कार्य करने हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य व समाज कल्याण विभाग आपसी समन्वय के साथ करें कार्यः उपायुक्त
समीक्षा बैठक के क्रम में उपायुक्त ने शिक्षा, स्वास्थ्य व समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निदेशित किया कि वे आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें, ताकि आपसी सहयोग से जमीनी स्तर पर कार्य करने में सहूलियत हो। साथ हीं उन्होंने कहा कि आप सभी के द्वारा आपसी तालमेल बैठाकर कार्य करने से कार्य मंे तो तेजी आयेगी हीं साथ हीं सभी के समय की बचत भी होगी और सभी के सहयोग से बेहतर परिणाम भी देखनों को मिलेगा।
इस अवसर पर उपरोक्त के अलावे उप विकास आयुक्त शैलेन्द्र कुमार लाल, अनुमंडल पदाधिकारी, देवघर विशाल सागर, प्रशिक्षु आईएएस रवि आनंद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनिता कुजूर, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, सभी प्रखण्डों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, संबंधित पुलिस पदाधिकारी एवं चाईल्ड लाईन एडवाजरी बोर्ड के सदस्य, युनिसेफ के प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थें।