Joharlive Team
- मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य कोरोना संक्रमित व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना
- सभी की स्वास्थ्य सुरक्षा का ख्याल रखना हमारी प्राथमिकता
- जल्द ही सभी प्रखंडों में की जाएगी मॉक ड्रिल
देवघर। उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी नैन्सी सहाय की उपस्थिति में आज कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम को लेकर को लेकर देवीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मॉक ड्रिल किया गया एवं इसके माध्यम से कोरोना से निबटने की तैयारियों को परखा गया। इस दौरान सिविल सर्जन डाॅ0 विजय कुमार की उपस्थिति में प्रशिक्षित चिकित्सकों की टीम द्वारा डेढ़ घंटे तक सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों को आईसोलेट करने एवं उनका ईलाज करने का प्रशिक्षण दिया गया। साथ हीं वहां के आसपास के क्षेत्रों में संभावित और चिन्हित मरीज के मद्देनजर विभिन्न तैयारियों और व्यवस्थाओं को लेकर पूर्वाभ्यास भी किया गया।
इस दौरान माॅक ड्रील के माध्यम से जाना गया कि कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज पाए जाने पर मरीज को उसके घर अथवा अस्पताल से किस प्रकार कोरोना से संबंधित इलाज हेतु आईसोलेशन सेंटर ले जाकर आइसोलेट किया जाय एवं उसका ईलाज प्रारंभ किया जाय। साथ हीं यह भी कोशिश की गयी कि कोरोना के मरीज को कैसे एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाया जा सकता है और उन्हें कैसे आइसोलेट किया जाएगा। इसमें क्या-क्या सावधानी बरतनी है, इसकी भी विस्तृत जानकारी दी गयी। साथ हीं सैनीटाइज करने, मास्क, टोपी आदि से एहतियात बरतने की जानकारी भी स्वास्थ्य कर्मियों को दी गयी।
इसके अलावा चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मॉक ड्रिल के माध्यम से ये दिखाया गया कि किस तरह से वह संदिग्ध मरीजों को रिसीव कर वार्डों में ले जाएंगे। वार्ड में भर्ती मरीजों को भोजन, दवा देने व परीक्षण में क्या एहतियात बरतना होगा। इतना ही नहीं बीमार लोगों का नमूना लेने, उसे पैक करने और भेजने आदि की भी जानकारी दी गयी। साथ हीं कोरोना टीम व वार्डों में प्रतिनियुक्त लोगों को कौन-कौन से कपड़े पहनेंगे, कपड़ों को स्टेप वाइज कैसे उतारेंगे और किस तरह उसे नष्ट करेंगे आदि के बारे में भी बतलाया गया।
इस दौरान उपायुक्त द्वारा माॅक ड्रिल के संबंध में जानकारी दी गयी कि जिले में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण का कोई भी पॉजिटिव केस नहीं है। इसके बावजूद भी सरकार के निर्देशानुसार इस महामारी का मुकाबला करने के लिए जिले का प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से तैयार है। हरेक स्तर पर टीमें अपनी दायित्वों के प्रति तत्पर है एवं जिले में यदि कोई भी संक्रमित मरीज से संबंधित मामला सामने आता है तो किसी भी परिस्थिति में संक्रमित व्यक्ति के त्वरित उपचार हेतु सभी आवश्यक तैयारियां पूर्व से ही कर ली जा रही है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करना पड़े।
उन्होंने आगे कहा कि मॉक ड्रिल मात्र कोरोना संक्रमण से उपजी संभावित परिस्थितियों को लेकर तैयारियों से संबंधित था। इसके लिए भयाक्रान्त होने जैसी कोई बात नहीं है। आने वाले दिनों में अन्य सभी प्रखंडों में भी मॉक ड्रिल आयोजित किया जायेगा, ताकि कोविड-19 के संक्रमण से उपचार संबंधित डॉक्टर, नर्स एवं मेडिकल स्टाफ को पूरी तरह से तैयार किया जा सके।
उनके द्वारा आगे बतलाया गया कि किसी भी अपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत आज देवीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मॉक ड्रिल की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने हेतु हम अभी से हीं पूरी तरह तैयार हो सकें। मॉक ड्रिल का प्रदर्शन कर चिकित्सकों व मेडिकल स्टाफ को बतलाया गया कि कोरोना संक्रमित मरीज का किस तरह इलाज करना है एवं इसके लिए क्या-क्या आवश्यक तैयारियां की जानी है।
इसके अलावे उन्होंने कहा कि माॅक ड्रिल के तहत आज स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा एक डेमो मरीज पर मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान कोरोना से संबंधित व्यक्ति के आने पर उसे कर्मचारी द्वारा पहले हेल्प डेस्क तक पहुंचाया गया, इसके बाद मरीज की पूरी जानकारी एंट्री कर स्वास्थ्य जांच के लिए ओपीडी भेजा गया। वहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की जांच जरूरत के अनुसार उपचार शुरू किया गया। वहीं पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर उसे वेंटीलेटर में रखा गया एवं चिकित्कों व स्वास्थ्य कर्मियों के टीम द्वारा सभी एहतियाती उपाय बरतते हुए संबंधित मरीज का ईलाज प्रारंभ की की गयी।
वर्तमान अभ्यास को शिक्षण के माध्यम के रूप में लिया गया, ताकि प्रक्रिया को सही बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान मेें कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है एवं कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का ईलाज करने हेतु चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह प्रशिक्षित कर तैयार किया जा रहा है। इसी के तहत आज मॉक ड्रिल के माध्यम से बताया गया कि कैसे टीम के सदस्य अपने को सुरक्षित रखते हुए किसी गंभीर मरीज को ससमय अस्पताल तक लायेंगे।
साथ ही किस तरह संक्रमित मरीज को वार्ड तक शिफ्ट करना है एवं अस्पताल में बने विशेष वार्ड मेें प्रतिनियुक्त डॉक्टरों की एक टीम द्वारा संक्रमित मरीज की ईलाज किस प्रकार प्रारंभ की जायेगी। माॅक ड्रिल के दौरान बतलाया गया कि संक्रमित मरीज का उपचार करने वाले चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी हेतु एक विशेष प्रकार की पीपीई किट है, जिसे पहनकर उन्हें मरीज का ईलाज करना है।