जमशेदपुर : एक ओर जिले में डेंगू का प्रकोप है. मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है. इसके बावजूद ना जनप्रतिनिधियों में गंभीरता दिख रही है ना ही जिला प्रशासन की टीम ही नजर आ रही है. जी हां, जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी कालीमाटी पंचायत स्थित रॉबर्ट नगर का कुछ ऐसा ही हाल है. जहां लोग गंदगी के साये में जीवन जीने को मजबूर है. घरों का सीवरेज पानी, गंदा पानी सड़क पर बह रहा है. जिला प्रशासन द्वारा डेंगू रोकथाम के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं. वो केवल कागजों पर ही दिखाई दे रहा है. धरातल पर गंदगी, बीमारी और मजबूरी ही दिख रही है. आये दिन लोग बीमार पड़ रहे हैं पर इनकी परवाह करने वाला कोई नहीं है. आइए जानते हैं क्या कहते हैं स्थानीय लोग:

बढ़ती जा रही समस्याएं

एक तरफ पूरे शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. लगातार लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं. जिला प्रशासन द्वारा बैठकों का दौर जारी है. हर क्षेत्र में साफ सफाई पर बल दिया जा रहा है पर अगर हम परसुडीह के पूर्वी कालीमाटी पंचायत की बात करें तो यहां की स्थिति समस्याओं को आमंत्रित कर रही हैं.

-सुषमा कोंगरी, स्थानीय

इलाके से गुजरना मुश्किल

पिछले दिनों कालिंदी बस्ती में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर का निर्माण किया गया पर पानी की निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई.  शॉकपीट बनाया गया ना ही नाली का निर्माण किया गया. अब घरों का सारा गंदा पानी सड़क पर बह रहा है. लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अगर हम बरसात के 2 महीना की बात करें तो स्थिति इतनी विकराल हो जा रही है कि लोगों का इस क्षेत्र से चलना मुहाल हो गया है.

-ए के किंडो, स्थानीय

जनप्रतिनिधियों ने पीछा छुड़ाया

पंचायत क्षेत्र के लोग बड़ी उम्मीद से पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं. पिछले चुनाव में मुखिया के तौर पर स्थानीय लोगों ने प्रभु मुंडा को चुना, और अब जब अपनी जिम्मेदारियो को पूरा करने की बारी आई तो मुखिया क्षेत्र की समस्याओं से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. जानकारी मिलते ही समाज सेवी धीरज यादव कालीमाटी पंचायत पहुंचे और स्थानीय लोगों की समस्याओं से रूबरू हुए. इतना ही नहीं, उन्होंने मुखिया से संपर्क भी साधा पर मुखिया ने साफ तौर पर इस समस्या से पीछा छुड़ाने की बात कही. समाज सेवी धीरज यादव ने कहा कि क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. लोग बीमार हो रहे हैं. ऐसे में लोग जाएं तो जाएं कहां.

-धीरज यादव, समाज सेवी

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