रांची : राज्य में डेंगू का कहर जारी है. हर दिन नए मरीजों की पुष्टि हो रही है. अब 24 घंटे में 46 नए मरीजों की पुष्टि हुई है. वहीं चिकनगुनिया के भी 4 नए केस सामने आए है. ऐसे में साफ है कि डेंगू के गंभीर मरीजों को तत्काल प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है. लेकिन सिंगल डोनर प्लेटलेट नहीं मिल रहा है. स्थिति यह है कि सिंगल डोनर प्लेटलेट के लिए लोगों को ढूंढना पड़ रहा है. जिससे कि मरीजों को तत्काल प्लेटलेट चढ़ाया जा सके. बता दें कि सिंगल डोनर प्लेटलेट (एसडीपी) नहीं मिलने की स्थिति में मरीजों रैंडम डोनर प्लेटलेट चढ़ाया जा रहा है.
सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) किट हॉस्पिटलों से खत्म है. डेंगू मरीजों को किट के अभाव में एसडीपी की जगह रेंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) चढ़ा कर ही काम चलाना पड़ रहा है. डेंगू के मरीजों के मिलने के बाद हॉस्पिटल (सरकारी-प्राइवेट) में 80 यूनिट आरडीपी से अधिक की खपत है. चूंकि प्राइवेट में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स के लिए 11,000 खर्च करने पड़ रहे है. जबकि रिम्स में इसके लिए 9,500 रुपए लगते है. रैंडम डोनर प्लेटलेट्स 1 हजार रुपए में ही मिल जाता है.
रिम्स ब्लड बैंक के सीनियर रेजीडेंट डॉ चंद्र भूषण की मानें तो सिंगल डोनर प्लेटलेट ज्यादा कारगर है और सुरक्षित भी. उन्होंने कहा कि रैंडम डोनर प्लेटलेट अलग-अलग ब्लड ग्रुप के लोगों का होता है. जिससे शरीर में धीरे-धीरे उन ब्लड ग्रुप्स के खिलाफ एंटी बॉडीज बन जाती हैं, जो भविष्य में प्लेटलेट्स चढ़ाने पर उन्हें नष्ट कर सकती है. ऐसे में प्लेटलेट देने पर भी प्लेटलेट काउंट नहीं बढ़ता, इसलिए सिंगल डोनर ही ज्यादा सुरक्षित होता है.
डॉ चंद्रभूषण बताते है कि प्लेटलेट देने से किसी तरह की कमजोरी नहीं होती. कोई भी स्वस्थ व्यक्ति दो हफ्ते में एकबार किसी को प्लेटलेट्स डोनेट कर सकता है. लेकिन इसके लिए अपने डॉक्टर से प्रापर कंसल्ट जरूर कर लें. वहीं जांच के बाद ही प्लेटलेट्स डोनेट करें. उन्होंने बताया कि 7 दिनों में ही नई प्लेटलेट्स फिर से वापस बन जाती है.
केस 1
डी कुमार नाम के मरीज को डेंगू को गया है. उन्हें सिटी के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया है. जांच में प्लेटलेट काउंट 17 हजार पाया गया. इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें सिंगल डोनर प्लेटलेट चढ़ाने की सलाह दी. परिजन व जानने वाले सिंगल डोनर प्लेटलेट के लिए हॉस्पिटल और ब्लड बैंक की दौड़ लगाते रहे. काफी मशक्कत के बाद एसडीपी के लिए डोनर सदर के ब्लड बैंक पहुंचा और डोनेट किया.
केस 2
डेंगू के कारण एक मरीज का प्लेटलेट काफी डाउन हो गया. एसडीपी के लिए लोग डोनर ढूंढ रहे थे. इस दौरान लगभग सभी ब्लड बैंकों में तलाश की गई. लेकिन कोई भी डोनर तैयार नहीं हुआ. इसके बाद वाट्सएप के ग्रुप में मैसेज डाला गया. कई ग्रुप में मैसेज चलने के बाद एक डोनर मिला. लेकिन उसने भी अगले सुबह रांची पहुंचने की बात कही.
झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया का कहर बदस्तूर जारी है. डेंगू की चपेट में पूर्वी सिंहभूम है. डेंगू से राज्य में अब तक पांच लोगों की मौत हुई है, ये सभी जमशेदपुर के रहने वाले ही हैं. 24 घंटों में डेंगू के 76 संदिग्ध मरीज मिले. इनमें से 74 लोगों ने जांच करायी है. जिसमें 46 के डेंगू पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई. इसके अलावा चिकनगुनिया के भी 96 संदिग्ध मरीज मिले. 52 मरीजों ने जांच करायी, जिनमें चार मरीज पॉजिटिव मिले.
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