रामगढ़: गरीब रथ बचाओ-राजधानी वापस लाओ के बैनर तले रामगढ़ में सामाजिक संगठन के लोग हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा और तीन विधायक ममता देवी, अंबा प्रसाद और जयप्रकाश भाई पटेल के लापता होने के पोस्टर हाथों में लेकर शहर के सुभाष चौक पर घूमते रहे. रांची नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को भाया बरकाकाना से बंद करते हुए इसके रूट को डायवर्ट किया गया है, जो अब टोरी लोहरदगा रूट से चलेगी. इसको लेकर रामगढ़ के लोग आक्रोशित हैं.

सामाजिक संगठन के लोगों का कहना है कि रांची दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस जो भाया बरकाकाना होकर दो दिन गुजरती थी, उसका रूट डाइवर्ट किया जाना बेहद अपसोसजनक है. साथ ही चोपन रांची एक्सप्रेस का रूट भी बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है. क्योंकि रामगढ़ जिला दिन-दिन बढ़ता जा रहा है और यहां से व्यावसाय और व्यापार तेजी से फैल रहा है.

रामगढ़ शहर में सेना के दो रेजिमेंट अवस्थित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा. रामगढ़ जिला एक खनिज सम्पदा से भरपूर है और पूरे देश में रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व देता है. लोगों का यह भी कहना है कि वर्तमान में संसद का सत्र भी चल रहा है. कभी-भी इन लोगों के द्वारा उचित प्लेटफॉर्म पर जनता के साथ खड़ा होने का साहस नहीं किया गया है.

गरीब रथ बचाओ-राजधानी वापस लाओ के बैनर की अगुवाई कर रहे अनमोल सिंह ने कहा कि चारों जनप्रतिनिधि इस गंभीर मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. वो कहीं भी इस पूरे मामले में जनता के साथ खड़े नहीं दिख रहे हैंं कई बार धरने में भी उन्हें आमंत्रित किया गया लेकिन वह नदारद रहे. इसके कारण हम लोगों को उन्हें खोजने के लिए बैनर का सहारा लेना पड़ रहा है. जनता जहां भी इन जनप्रतिनिधियों को देखे तो संपर्क करें क्योंकि वो जिला के सर्वोच्च जनप्रतिनिधि हैं, उनका कर्तव्य है कि लोगों की परेशानी में साथ खड़े रहें और उनकी परेशानी का हल भी करें.

सांसद केवल कोरम पूरा कर रहे हैं, यही नहीं रामगढ़ जिला में बिजली हर साल की तरह इस साल भी डीवीसी के द्वारा बारह-बारह घंटे काटी जा रही है. जिससे यहां के उद्योग-धंधे, व्यापार, बच्चों की पढाई प्रभावित हो रही है. रामगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के द्वारा उपरोक्त समस्याओं को लेकर इन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण भी दिया है. इन परिस्थितियों से रामगढ़ के जनप्रतिनिधि अवगत होते हुए भी मौन साधे हुए हैं. वो अखबारों में बयान देकर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, इसलिए हम लोगों को लगता है कि ये जनप्रतिनिधि लापता हैं.

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