रांचीः पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद आंतरिक विवादों से जूझ रही झारखंड कांग्रेस में एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को हटाने की मांग फिर से उठने लगी है. पार्टी से निलंबित कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता आलोक दूबे, किशोर नाथ शाहदेव और डॉ. राजेश गुप्ता ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया. मंगलवार को मोरहाबादी स्थित राजकीय अतिथिशाला में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि अगर यही हाल रहा तो 2024 का लोकसभा चुनाव में ना केवल पार्टी का खराब प्रदर्शन होगा बल्कि गठबंधन के सहयोगी दलों से भी अच्छे संबंध नहीं रहेंगे. आलोक दूबे ने कहा कि जल्द ही झारखंड की मौजूदा स्थिति से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अवगत कराने यहां से बड़ी संख्या में कांग्रेसी दिल्ली जाएंगे.

एक व्यक्ति एक पद का भी शुरू हुआ विरोध

झारखंड कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत की हवा उड़ चुकी है, लंबे समय से कई ऐसे व्यक्ति हैं जो संगठन के अंदर और बाहर कई पदों पर जमे हुए हैं. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की टीम में शामिल ऐसे लोगों की चांदी है. खास बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस में बनी अनुशासन समिति में शामिल लोग एक साथ कई पदों पर विराजमान है. पार्टी की सर्वोच्च बॉडी एआईसीसी सदस्य से लेकर प्रदेश कमिटी और सरकार के द्वारा बनाई गई बोर्ड-निगम की कुर्सी की एक साथ शोभा बढ़ा रहे हैं. ऐसे व्यक्तियों को लेकर पार्टी के अंदर और बाहर सवाल उठते रहे हैं. इसके बावजूद मजबूत पकड़ की वजह से ये अभी तक एक साथ कई पद को पकड़कर रखने में सफल हैं.

झारखंड कांग्रेस में एक नाम, एक पद की बात करें तो यहां एक व्यक्ति के पास कई पद हैं. ब्रजेन्द्र प्र. सिंह के पास अनुशासन समिति अध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष, 20 सूत्री उपाध्यक्ष, एआईसीसी, पीसीसी डेलीगेट सहित सात पद समाहित हैं. राकेश सिन्हा प्रदेश महासचिव हैं, इसके साथ ही धार्मिक न्यास बोर्ड, एआईसीसी, पीसीसी प्रवक्ता सहित अन्य पद उनके पास हैं. इसी प्रकार पार्टी नेता शमशेर आलम प्रदेश सचिव के साथ साथ अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष, अनुशासन समिति सदस्य, पीसीसी के सदस्य भी हैं. राजीव रंजन एआईसीसी, पीसीसी, प्रवक्ता, गौ सेवा आयोग अध्यक्ष हैं. कुमार गौरव पार्टी के प्रदेश महासचिव, युवा आयोग अध्यक्ष, एआईसीसी, पीसीसी के सदस्य भी हैं.

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