नई दिल्ली : दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में पीडब्ल्यूडी ने मुख्यमंत्री आतिशी का सामान बाहर निकालकर आवास को सील कर दिया है और गेट पर डबल लॉक लगा दिया है. जब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक दूसरे बंगले में स्थानांतरित किया, तब आतिशी ने इस आवास में शिफ्ट किया था.

क्या है मामला

आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. वहीं, बीजेपी ने सीएम पर अवैध तरीके से बंगले में रहने का आरोप लगाया है. विवाद का मुख्य कारण केजरीवाल द्वारा आवास को खाली करने और हैंडओवर से संबंधित है. आरोप है कि केजरीवाल ने बंगला विधिवत रूप से पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर नहीं किया और उसी समय आतिशी का सामान वहां पहुंचा दिया गया. पीडब्ल्यूडी के नियमों के अनुसार, जब कोई सरकारी आवास खाली होता है तो उसका कब्जा लेना और उसकी सूची बनाना आवश्यक होता है.

ऐसे शुरू हुआ विवाद

कुछ दिन पहले, एक वीडियो में सुनीता केजरीवाल को बंगले की चाबी सौंपते हुए देखा गया था, जिसके बाद दावा किया गया कि केजरीवाल ने आवास खाली कर दिया है. हालांकि, 6 अक्टूबर को पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि चाबी सौंपने के बाद इसे वापस ले लिया गया और बंगला पूरी तरह से हैंडओवर नहीं किया गया.

सीएमओ ने लगाए गंभीर आरोप

सीएमओ ने कहा कि यह देश के इतिहास में पहली बार है जब मुख्यमंत्री आवास को ऐसे जबरन खाली कराया गया है. AAP ने आरोप लगाया है कि भाजपा के इशारे पर उपराज्यपाल इसे भाजपा के एक नेता को आवंटित करना चाहते हैं.

बीजेपी नेता का भी आ गया बयान

विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि वर्तमान मुख्यमंत्री को अवैध तरीके से बंगले में लाया गया है. उन्होंने मांग की कि शीशमहल को तुरंत सील किया जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए. यह पूरा विवाद दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में नई जटिलताओं को जन्म दे सकता है, और सभी की निगाहें इस मामले पर टिकी हैं.

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