Joharlive Desk

नई दिल्ली। हिंसा में अब तक 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 186 लोग घायल हैं। सबसे ज्यादा हिंसा मौजपुर और कर्दमपुरी में हुई। यहां सीएए के विरोधी और समर्थक खुलेआम फायरिंग करते रहे। पुलिस के मुताबिक, दोनों ओर से एक हजार से ज्यादा गोलियां चलीं। दोपहर तक मौजपुर और कर्दमपुरी, सुदामापुरी में रुक-रुककर फायरिंग हुई।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में मंगलवार को फिर हिंसा भड़क गई, जहां उपद्रवियों ने पथराव किया, दुकानों में तोड़फोड़, फायरिंग और आगजनी की। कई इलाकों में हालात बेकाबू हो गए, जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया। हिंसा में अब तक 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 186 लोग घायल हैं। गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था का जिम्मा सीआरपीएफ के डीजी ट्रेनिंग एसएन श्रीवास्तव को सौंप दिया है। उन्हें दिल्ली में विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) बनाया गया है। वहीं, गाजियाबाद से लगी सीमा सील कर दी गई है।
सबसे ज्यादा हिंसा मौजपुर और कर्दमपुरी में हुई। यहां सीएए के विरोधी और समर्थक खुलेआम फायरिंग करते रहे। पुलिस के मुताबिक, दोनों ओर से एक हजार से ज्यादा गोलियां चलीं। पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए लगातार आंसू गैस के गोले दागे। दोपहर तक मौजपुर और कर्दमपुरी, सुदामापुरी में रुक-रुककर फायरिंग हुई। करावल नगर मेन रोड पर उपद्रवियों ने दुकानों व मकानों में आग लगाई और लूटपाट की। यही हाल मौजपुर, नूरे इलाही में भी रहा। लोगों ने एक-दूसरे के समुदायों की दुकानों को निशाना बनाकर आग के हवाले किया।

घोंडा चौक पर एक मिनी बस सहित कई ई-रिक्शा, बाइक व अन्य वाहनों को जला दिया गया। उपद्रवियों ने उत्तर पूर्वी जिले में 100 से अधिक दुकानों में लूटपाट और आगजनी की। देर शाम, चांद बाग और भजनपुरा में कई दुकानों में आग लगा दी। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा, घायलों में दो आईपीएस समेत 56 पुलिसकर्मी भी हैं। पुलिस ने अब तक 11 एफआईआर दर्ज की हैं। उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस बीच, गुरु तेग बहादुर अस्पताल ने 13 लोगों की मौत की पुष्टि की है।

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