रांची। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में की राज्यपाल से मुलाकात, ओबीसी अधिकारों की रक्षा हेतु राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन। इस मौके पर ज्ञापन के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार पंचायत चुनाव में ओबीसी के अधिकारों की अनदेखी कर रही है, जिसे बचाने के लिए उन्होंने राज्यपाल से गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने मांग पत्र भी सौंपा है जिसमें महामहिम से कहा गया है कि झारखंड की सरकार सूबे में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बगैर कराने का फैसला कर चुकी है और इस पर राज्य के मंत्रीपरिषद ने मुहर भी लगा दिया गया है। जिसका सरकारी नोटीफीकेशन भी जारी हो चुका है. झारखंड प्रदेश की सरकार पहले ओबीसी की नोकरीयों मे आरक्षण की सीमा बढाने पर चुप्पी साधे बैठी रही।
जब पंचायत व नगरपंचायत मे ओबीसी आरक्षण को बचाने की बारी आयी तो, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट के संदर्भ में सरकार ने अपनी ओर से कोई पहल नहीं कि। वहीं अब सरकार पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बगैर कराने जा रही है।
दिए गए ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अन्य राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सरकार ने पंचायत के चुनाव आगे बढाने के लिये चुनाव आयोग व सरकार के अधिकार को लेकर संशोधन कराने की बात कही है, साथ ही साथ आयोग का गठन कर ओबीसी का इम्पीरीकल राजनैतिक डाटा कलेक्ट करने के कार्य में भी लग गयी है परंतु झारखंड में सरकार द्वारा इस दिशा में कोई सुगबुगाहट नहीं है, इतना ही नही अन्य प्रदेश की सरकार से कोई विमर्श भी नही किया। यानी झारखंड प्रदेश की सरकार पंचायत में ओबीसी आरक्षण को लेकर असंवेदनशीलता दिखा रही है, साथ ही साथ ओबीसी के पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर अनुच्छेद 243 डी-6 व टी- 6 की अपनी जिमेवारी से भी भाग रही है।
प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता सहित प्रभात शर्मा अजय मेहता रितेश जायसवाल उमेश प्रसाद शामिल थे।