रांची: मेयर आशा लकड़ा के नेतृत्व में नगर निकाय, नगर परिषद और नगर पंचायत के प्रतिनिधियों ने नई दिल्ली में केंद्रीय शहरी एवं आवासन मंत्रालय के मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि झारखंड सरकार की ओर से महाधिवक्ता की राय के आधार पर नगर निकाय, नगर परिषद और नगर पंचायत के मेयर और अध्यक्ष के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता ने नगर विकास विभाग को यह राय दी है कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के तहत मेयर को निगम परिषद की बैठक आहुत करने, बैठक की तिथि निर्धारित करने और परिषद की बैठक में शामिल किए जाने वाले एजेंडा को निर्धारित करने का कोई अधिकार नहीं है. ये सभी अधिकार नगर आयुक्त को है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री को यह भी बताया कि महाधिवक्ता ने झारखंड नगरपालिका में विभिन्न धाराओं के तहत प्रदत्त शक्तियों को गलत तरीके से परिभाषित किया है. जबकि संविधान के 74वें संशोधन के तहत नगर निकायों, नगर परिषद और नगर पंचायत को सशक्त करने के लिए मेयर, अध्यक्ष को कई शक्तियां प्रदान की गई हैं. ऐसे में राज्य सरकार मेयर, अध्यक्ष को संवैधानिक अधिकारों से वंचित करेगी तो केंद्र सरकार की कई योजनाएं और शहरी विकास से संबंधित कार्य प्रभावित होंगे.
उन्होंने कहा है कि झारखंड सरकार आम जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों के अधिकार का हनन कर नगर निकायों, नगर पंचायतों और नगर परिषदों में उच्च अधिकारियों को गलत तरीके से शक्ति प्रदान कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रही है.
प्रतिनिधिमंडल में मेदिनीनगर की मेयर अरुणा शंकर, लातेहार नगर पंचायत की अध्यक्ष सीतामणी तिर्की, गोड्डा नगर परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र मंडल, खूंटी नगर पंचायत के अध्यक्ष अर्जुन पाहन, रामगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष योगेश बेदिया और उपाध्यक्ष मनोज कुमार महतो समेत अशोक प्रसाद, अनूप साहू और संदीप आनंद शामिल थे. इसके बाद मेयर डॉ. आशा लकड़ा के साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से भी शिष्टाचार मुलाकात की और उन्हें झारखंड सरकार के क्रियाकलापों की जानकारी दी.