रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनावों में देरी के कारण राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है। चुनावों में देरी के चलते केंद्र सरकार ने वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य को दी जाने वाली 1600 करोड़ रुपये की राशि पर रोक लगा दी है. यह राशि शहरी निकायों के विकास के लिए निर्धारित की गई थी. राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि चुनावों में देरी के बावजूद यह राशि जारी की जाए.
राज्य सरकार का कहना है कि ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन केंद्र ने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.
ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया और चुनाव की तैयारी
राज्य सरकार ने नगर निकाय चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है और ओबीसी आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सभी जिलों के डीसी को 31 दिसंबर तक सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया है. इस सर्वे में प्रत्येक वार्ड के मतदाताओं की जाति, लिंग और आरक्षण की स्थिति की जानकारी जुटाई जाएगी.
झारखंड में 2020 से अटके हैं नगर निकाय चुनाव
झारखंड के 13 नगर निकायों में 2020 से चुनाव नहीं हुए हैं, जबकि 35 अन्य शहरी निकायों का कार्यकाल मार्च-अप्रैल 2023 में समाप्त हो गया था. राज्य में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को लेकर आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त है, जिससे प्रक्रिया में देरी हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने बिना ट्रिपल टेस्ट चुनाव कराने पर रोक लगा रखी है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सर्वे की प्रक्रिया
जनवरी 2024 में झारखंड हाईकोर्ट ने तीन हफ्ते में चुनाव कराने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर बताया कि ट्रिपल टेस्ट के बाद ही चुनाव संभव होंगे. फिलहाल राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में न तो अध्यक्ष है और न ही कोई सदस्य, लेकिन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने सर्वे को पूरा करने के लिए डीसी को निर्देश दिए हैं.
हाईकोर्ट में शुक्रवार को होगी सुनवाई
इस मामले में रौशनी खलखो की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होगी, और कोर्ट अपने फैसले के बाद राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा करेगा.
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