रांचीः शरद पवार गुट की ओर से प्रवक्ता सह राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र अहवाड की शिकायत पर गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के ट्रिब्यूनल में संविधान के दसवीं अनुसूची के तहत मामले की सुनवाई तय की गई. यह सुनवाई GW42 स्थित ट्रिब्यूनल कक्ष में 12.30 बजे शुरू हुई. जिसमें खुद विधायक कमलेश सिंह भी पहुंचे. उनका दलील था कि वह एकमात्र विधायक हैं, इसलिए उनपर दलबदल का मामला नहीं चल सकता. साथ ही उनके पक्ष में एनसीपी गुट के अजीत पवार ने भी स्पीकर को पत्र भेजकर कहा है कि पार्टी पर अधिकार का मामला चुनाव आयोग में है. इसलिए किसी की तरफ से एनसीपी होने का दावा करना या किसी की सदस्यता को चुनौती देना उचित नहीं है. वहीं, शरद पवार की पार्टी की ओर से मुंबई से एक अधिवक्ता आए थे. दोनों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई के अपराह्न 4.30 बजे का समय तय किया गया. लेकिन वादी और प्रतिवादी के अधिवक्ताओं के अनुरोध पर सुनवाई को स्थगित कर दिया गया.
शरद पवार गुट ने कार्रवाई की मांग की थी
बता दें कि शरद पवार गुट ने हुसैनाबाद से एकमात्र एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह के खिलाफ दलबदल के तहत झारखंड विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की है. 15 सितंबर को शरद पवार गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह सचिव जितेंद्र अहवाड ने स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को पत्र भेजकर दलबदल के तहत कार्रवाई की मांग की. इसपर विधायक से स्पीकर सचिवालय की ओर से जवाब भी मांग गया था.
पत्र का विधायक कमलेश सिंह ने भी दिया था जवाब
इस पत्र के जवाब में विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार हैं, उन्होंने खुद पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. ऐसे में चुनाव आयोग का फैसला आने तक अजीत पवार के अलावा किसी अन्य के द्वारा एनसीपी का होने का दावा करना और मेरी सदस्यता को चुनौती देना उचित नहीं है.