Joharlive Desk
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने का फैसला वापस ले लिया है। 24 घंटे के भीतर वित्त मंत्रालय ने अपना आदेश वापस लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गलती से ब्याज दर घटाने का आदेश जारी हो गया था। वित्त मंत्री ने कहा कि सभी योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी, जो पिछले साल मार्च तिमाही में थी। लघु बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर जारी रहेगी। बचत खाते में जमा रकम पर सालाना चार प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा।
बता दें कि सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की। यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई थी । ब्याज दर घटने के रुझान के अनुरूप यह कदम उठाया गया था। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गई थी।
पांच वर्ष की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 0.9 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दी गई थी। इस योजना के तहत ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है। पहली बार बचत खाते में जमा रकम पर ब्याज 0.5 प्रतिशत घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दी गई। अबतक इस पर सालाना 4 प्रतिशत ब्याज मिलता था। ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गई थी। लेकिन अब पुरानी ब्याज दर 5.5 प्रतिशत ही रहेगी।
इसी प्रकार, दो साल के लिए मियादी जमा पर पर ब्याज 0.5 प्रतिशत घटाने का फैसला किया गया था लेकिन उसपर भी 5. 5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। ,जबकि तीन साल की जमा पर पुराना ब्याज दर ही जारी रहेगा। वहीं पांच साल की जमा पर ब्याज 0.9 प्रतिशत कम नहीं होगा। पुरानी स्कीम ही जारी रहेगी।
बालिकाओं के लिए बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना खाते पर ब्याज 2021-22 की पहली तिमाही के लिए 0.7 प्रतिशत घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया था। लेकिन इस पर 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा। किसान विकास पत्र पर सालाना ब्याज 6.9 प्रतिशत ही रहेगा।